सुजात आंबेडकर का आंबेडकरवादी नेताओं पर तंज: बोले – रिपब्लिकन एकता चाहिए तो अपनी पार्टी का वंचित में कर लें विलय

बुलढाणा ज़िले के नांदुरा में आयोजित सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में वंचित बहुजन अघाड़ी (VBA) के युवा नेता सुजात आंबेडकर ने तथाकथित “गणतांत्रिक एकता” की वकालत करने वाले आंबेडकरवादी नेताओं पर तीखा तंज कसा। हाल ही में रामदास अठावले द्वारा प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में रिपब्लिकन एकता की बात किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए सुजात ने कहा, “अगर आप सच में एकता चाहते हैं, तो अपनी पार्टियों को वंचित बहुजन अघाड़ी में विलय कर दीजिए।”
उन्होंने सवाल उठाया कि जब कई पार्टियों और नेताओं ने एक साथ आकर आंदोलन किया, तब भी वे दो सौ लोग भी नहीं जुटा सके। इसके विपरीत, सुजात ने दावा किया कि वंचित बहुजन अघाड़ी की एक अपील पर हजारों की संख्या में समर्थक जुटते हैं, जो पार्टी की जमीनी पकड़ और विचारधारा की ताकत को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “दिखावटी आंदोलनों और बिना जनाधार वाले नेताओं से सामाजिक परिवर्तन नहीं होता। समाज का साथ होना ज़रूरी है, और समाज ने बालासाहेब आंबेडकर को अपना नेता चुना है।”
कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुजात आंबेडकर ने कहा कि वंचित बहुजन अघाड़ी केवल नेताओं की पार्टी नहीं, बल्कि जमीनी कार्यकर्ताओं की ताकत से खड़ी हुई पार्टी है। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में जोरदार तैयारी और संगठन की ताकत के दम पर जीत हासिल करने का आह्वान किया।
सभा में नांदुरा और बुलढाणा के कार्यकर्ताओं की सक्रियता और उपस्थिति को देखते हुए सुजात ने कहा, “अगर यही जोश बना रहा, तो सत्ता तक पहुँचने से हमें कोई नहीं रोक सकता। विचारों की यह लड़ाई पूरे जोश, जागरूकता और प्रतिबद्धता के साथ लड़नी होगी।”
