नागपूर-नागभीड़ ब्रॉडगेज रेल्वे लाइन को मिलेगी रफ्तार: राज्य कैबिनेट ने निर्माण के लिए ₹491.5 करोड़ की मंजूरी दी

नागपूर-नागभीड़ ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार, राज्य सरकार ने 491.5 करोड़ रुपये की निधि को दी मंजूरी
नागपूर: राज्य सरकार ने नागपूर-नागभीड़ रेलवे मार्ग के बहुप्रतीक्षित ब्रॉडगेज रूपांतरण को गति देने के लिए 491.5 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी प्रदान की है। यह निर्णय हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
लगभग 106.15 किलोमीटर लंबी इस नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदला जा रहा है, जो कि नागपूर और नागभीड़ के बीच माल और यात्री परिवहन को नई दिशा देगा। यह प्रोजेक्ट मध्य भारत के रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। परियोजना की कुल लागत लगभग ₹1,400 करोड़ तय की गई है, जिसमें आधा हिस्सा महाराष्ट्र सरकार और आधा हिस्सा भारतीय रेलवे द्वारा वहन किया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन महाराष्ट्र रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (MRIDC) द्वारा किया जा रहा है। पूरा काम अगले 20 महीनों में समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक इटवारी से उमरेड तक का 51 किलोमीटर लंबा खंड पूरा किया जा चुका है और इसे 2025 की दिवाली से पहले यात्री सेवा के लिए चालू करने की योजना है। उमरेड से नागभीड़ के बीच 55 किलोमीटर लंबे हिस्से का काम जारी है, जिसमें से 12 किलोमीटर अंतिम चरण में है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस लाइन के पूरा होते ही न सिर्फ यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि कोयला जैसे माल के परिवहन में भी बड़ा सुधार होगा। साथ ही, नागपूर, इटवारी, अजनी, कलमना और वर्धा के रेलवे यार्डों पर बोझ भी कम होगा।
परियोजना के पूरी तरह से वर्ष 2026 के अंत तक पूर्ण होने की संभावना है, जिससे क्षेत्र के आर्थिक और परिवहन ढांचे को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
