सातनवारी बना महाराष्ट्र का पहला स्मार्ट इंटेलिजेंट विलेज, CM फडणवीस ने किया उद्घाटन; कहा- ‘डिजिटल इंडिया’ की ओर बड़ा कदम
नागपुर के सातनवारी गांव में शुरू हुआ देश का पहला ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट विलेज’ प्रोजेक्ट, मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया उद्घाटन
नागपुर, 24 अगस्त — महाराष्ट्र की ग्रामीण विकास यात्रा में आज एक ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। नागपुर के पास स्थित सातनवारी गांव को देश के पहले ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट विलेज’ के रूप में विकसित करने की परियोजना की शुरुआत आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह पहल ‘डिजिटल इंडिया’ के सपने को साकार करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।
इस महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट को महाराष्ट्र सरकार और वॉइस ऑफ इंडियन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंटरप्राइजेज (VOICE) की साझेदारी में शुरू किया गया है। रविवार को आयोजित उद्घाटन समारोह में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, क्षेत्रीय विधायक और VOICE कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
गाँव में तकनीक के सहारे समग्र विकास
इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत सातनवारी को तकनीकी रूप से सक्षम, आत्मनिर्भर और पारदर्शी प्रशासनिक प्रणाली वाला मॉडल गांव बनाया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत कई आधुनिक पहलें लागू की गई हैं:
- स्मार्ट कृषि: किसानों को आधुनिक उपकरण और ड्रोन की मदद से फसलों की निगरानी की सुविधा दी जा रही है। साथ ही स्मार्ट सिंचाई प्रणाली से जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- डिजिटल प्रशासन: सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाया गया है ताकि ग्रामीणों को घर बैठे सुविधाएं मिल सकें।
- डिजिटल शिक्षा: गांव के स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, ई-लर्निंग टूल्स और डिजिटल लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं शुरू की गई हैं।
- डिजिटल वित्तीय सेवाएं: मोबाइल बैंकिंग और अन्य डिजिटल भुगतान सेवाओं से ग्रामीणों को आर्थिक लेनदेन में आसानी हो रही है।
ग्रामीण भारत के लिए एक नई दिशा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उद्घाटन समारोह में कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ शहरी विकास नहीं है, बल्कि ग्रामीण भारत को भी तकनीक के माध्यम से सशक्त बनाना है। सातनवारी देश को दिखाएगा कि एक गांव भी डिजिटल और आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है।” उन्होंने जिला परिषद को परियोजना के रखरखाव और विस्तार के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव भी दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी संकेत दिया कि आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र के अन्य ग्राम पंचायतों को भी इसी मॉडल पर स्मार्ट विलेज में बदला जाएगा, जिससे राज्य में समावेशी और सतत विकास सुनिश्चित हो सके।
राष्ट्रीय स्तर पर रोल मॉडल बनने की उम्मीद
सातनवारी गांव की यह पहल न केवल राज्य के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकती है। अगर यह पायलट सफल रहा, तो इसे पूरे भारत में लागू किया जा सकता है, जिससे ‘डिजिटल इंडिया’ को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।