अकोला पेंशन घोटाला: भ्रष्ट अधिकारी आज़ाद, पीड़ित कर्मचारी भर रहे भुगतान की कीमत
अकोला: पेंशन घोटाले में निर्दोष कर्मचारियों पर गिरी गाज, असली दोषी अब भी बाहर
अकोला: नगर निगम के पेंशन विभाग में सामने आए दो करोड़ रुपये के घोटाले ने कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक रूप से झकझोर कर रख दिया है। हैरानी की बात यह है कि इस घोटाले में शामिल असली आरोपी अब भी बाहर हैं, जबकि जिन कर्मचारियों के खातों से हेराफेरी हुई, उन्हीं से पैसे की वसूली की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, पेंशन विभाग में कार्यरत एक सेवानिवृत्त क्लर्क ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कई कर्मचारियों के बैंक खातों से पैसे निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए। घोटाले की राशि करीब दो करोड़ रुपये बताई जा रही है।
नगर निगम प्रशासन ने संबंधित क्लर्क के खिलाफ सिटी कोतवाली में मामला तो दर्ज कराया, लेकिन उससे जुड़ी लेन-देन की प्रक्रिया में शामिल और मंजूरी देने वाले वरिष्ठ अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वे या तो फरार हैं या अब तक जवाबदेही से बचते रहे हैं।
इस बीच, प्रशासन ने नुकसान की भरपाई करने के नाम पर पीड़ित कर्मचारियों के वेतन से हर महीने 15 से 20 हज़ार रुपये तक की कटौती शुरू कर दी है। लगभग 250 से 300 कर्मचारियों को इस आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मचारियों का कहना है कि वे खुद इस घोटाले के शिकार हैं, लेकिन उन्हें ही सज़ा दी जा रही है। इस अन्याय के खिलाफ अब विरोध के स्वर तेज़ हो रहे हैं और कर्मचारियों ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और वेतन कटौती बंद करने की मांग की है।
अभी तक प्रशासन की निष्क्रियता और दोषियों को बचाने के रवैये से नाराजगी बढ़ती जा रही है, और सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस घोटाले की पूरी सच्चाई कभी सामने आएगी?