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अमरावती: 339 करोड़ का बीमा प्रीमियम, मुआवजा केवल 50 करोड़; किसानों ने कंपनी पर 290 करोड़ रुपये गबन का लगाया आरोप

अमरावती: 339 करोड़ का बीमा प्रीमियम, मुआवजा केवल 50 करोड़; किसानों ने कंपनी पर 290 करोड़ रुपये गबन का लगाया आरोप

अमरावती में फसल बीमा घोटाले का आरोप, 339 करोड़ प्रीमियम में से सिर्फ 50 करोड़ मुआवज़ा, किसानों ने जताया गबन का शक

अमरावती: जिले के किसानों ने फसल बीमा योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि फसल बीमा कंपनियों ने बीमा योजना को किसानों की मदद का ज़रिया नहीं, बल्कि मुनाफाखोरी का साधन बना लिया है।

पिछले खरीफ सीजन में सरकार और किसानों की ओर से कुल 339.56 करोड़ रुपये का बीमा प्रीमियम जमा किया गया था, लेकिन भारी बारिश और बड़े पैमाने पर फसलों के नुकसान के बावजूद किसानों को सिर्फ 50.47 करोड़ रुपये का मुआवज़ा मिला। किसानों का आरोप है कि बीमा कंपनी ने महज चार महीने के भीतर करीब 290 करोड़ रुपये की बंदरबांट की है।

फसल बीमा योजना के तहत ‘कप एंड कैप’ मॉडल लागू होने के बावजूद सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। बीते वर्ष अमरावती जिले में एक रुपये में फसल बीमा योजना शुरू की गई थी, जिसमें किसानों की ओर से कोई सीधा प्रीमियम नहीं लिया गया था। राज्य और केंद्र सरकार ने मिलकर बीमा कंपनियों को प्रीमियम अदा किया था। इस योजना से 4.76 लाख किसान जुड़े थे और लगभग 4.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का बीमा किया गया था।

जिले की 11 तहसीलों में पिछले खरीफ सीजन के दौरान औसत से अधिक बारिश हुई थी, जिससे फसलें बर्बाद हो गईं। नुकसान की जानकारी 1.70 लाख से अधिक किसानों ने बीमा कंपनियों को दी थी, लेकिन अब तक केवल 1.42 लाख किसानों को ही आंशिक मुआवज़ा मिला है।

किसानों की मांग है कि बीमा कंपनी से पूरे प्रीमियम का हिसाब लिया जाए और वास्तविक नुकसान के आधार पर उचित मुआवज़ा दिया जाए। साथ ही, सरकार से अपील की गई है कि वह इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराए और किसानों के साथ न्याय करे।

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