अमरावती: पोरगव्हाण में सड़क की मांग को लेकर किसानों में आक्रोश, कृषि कार्य और उत्पादों के परिवहन में हो रही परेशानी
अमरावती: पोरगव्हाण में सड़क न होने से किसानों को भारी दिक्कतें, प्रशासन पर अनदेखी का आरोप
अमरावती, मोर्शी तहसील:
पोरगव्हाण गांव के किसान इन दिनों बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। खेतों तक पहुँचने के लिए आज भी सड़क न होने से नाराज किसानों ने प्रशासन पर गंभीर अनदेखी के आरोप लगाए हैं। दो साल पहले ग्राम पंचायत द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने के बावजूद अब तक सड़क को मंजूरी नहीं मिल पाई है, जिससे किसानों का सब्र अब टूटने लगा है।
गाँव के लगभग 50 से 60 किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन इस प्रस्तावित सड़क मार्ग से जुड़ी हुई है। लेकिन सड़क न होने से न सिर्फ खेती करना मुश्किल हो गया है, बल्कि उपज को बाजार तक पहुँचाना भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। संतरा, मौसम्बी और अन्य फसलों को समय पर बाहर नहीं भेज पाने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
हालात ऐसे हैं कि ट्रैक्टर, ट्रक या कृषि उपकरण खेतों तक नहीं पहुँच पाते। किसानों को अपनी उपज बैलगाड़ियों के ज़रिए मुख्य सड़क तक लानी पड़ती है, जिससे समय और खर्च दोनों में इज़ाफा होता है। इसके साथ ही, खाद, बीज और कीटनाशक जैसे ज़रूरी सामान समय पर न पहुँच पाने से फसलों की उपज और गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।
किसानों का कहना है कि आधुनिक यंत्रों से खेती करना अब सपना बन गया है, क्योंकि सड़क न होने के कारण ट्रैक्टर, रोटावेटर और हार्वेस्टर जैसी मशीनें खेतों तक नहीं पहुँच पातीं।
सरकार द्वारा कृषि मार्गों के विकास के लिए कई योजनाएँ घोषित की गई हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनका असर नहीं दिख रहा है। किसानों का आरोप है कि उन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की, लेकिन उन्हें सिर्फ़ आश्वासन ही मिले हैं।
अब किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही सड़क निर्माण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर होंगे।