एटीएस के पूर्व अधिकारी महबूब खान का बड़ा खुलासा: संघ प्रमुख की गिरफ्तारी का था दबाव, फडणवीस ने कांग्रेस पर बोला हमला
मालेगांव ब्लास्ट केस में सभी आरोपी बरी, पूर्व एटीएस अधिकारी का बड़ा दावा – संघ प्रमुख को गिरफ्तार करने का था दबाव; फडणवीस ने कांग्रेस पर बोला करारा हमला
नागपुर – मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए की विशेष अदालत द्वारा सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने के बाद, अब इस केस को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है। महाराष्ट्र एटीएस के पूर्व अधिकारी महबूब खान ने दावा किया है कि जांच के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का दबाव बनाया था।
इस दावे के सामने आते ही सियासी पारा चढ़ गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला बोला और इसे वोट बैंक की राजनीति का परिणाम बताया।
फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस ने “हिंदू आतंकवाद” और “भगवा आतंकवाद” जैसे शब्द गढ़कर पूरे समुदाय को बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने आरोप लगाया कि 1990 के दशक और 2000 के शुरुआती वर्षों में जब दुनिया भर में इस्लामिक आतंकवाद का खतरा बढ़ रहा था, तब भारत में भी कई आतंकी घटनाएं हुईं, जिनके तार पाकिस्तान से जुड़ते थे। लेकिन कांग्रेस ने उस वैश्विक वास्तविकता की अनदेखी कर देश में धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए भगवा आतंकवाद का झूठा नैरेटिव खड़ा किया।
फडणवीस ने कहा, “यह भारत नहीं, बल्कि पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद की जड़ें कहां हैं। लेकिन कांग्रेस ने देशभक्तों को बदनाम करने का काम किया। किसी ने भी सभी मुसलमानों को आतंकवादी नहीं कहा, लेकिन कांग्रेस ने सभी हिंदुओं को आतंकवादी साबित करने की कोशिश की।”
पृथ्वीराज चव्हाण पर भी साधा निशाना
फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो उस सरकार का हिस्सा थे, जिसने भगवा आतंकवाद की अवधारणा को जन्म दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उन्हें तब यह समझ में नहीं आया कि यह “भगवा” छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का प्रतीक है?
मुख्यमंत्री ने कहा, “चाहे भगवा हो, हिंदू हो या सनातनी, सभी एक हैं, सभी देशभक्त हैं और राष्ट्रीय विचारों से प्रेरित हैं। कांग्रेस की साजिश अब जनता के सामने उजागर हो गई है।”
फडणवीस के इन बयानों से साफ है कि मालेगांव केस में आए ताजा फैसले के बाद राजनीतिक घमासान और तेज़ हो गया है, और कांग्रेस की रणनीति पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।