नागपुर APMC घोटाले की जांच अब SIT को सौंपी गई, भाजपा विधायकों की मांग पर राज्य सरकार का फैसला
APMC नागपुर में घोटाले की जांच अब SIT के हवाले, 30 दिन में सौंपनी होगी रिपोर्ट
नागपुर: नागपुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति (APMC) में सामने आए करोड़ों रुपये के घोटाले और प्रशासनिक अनियमितताओं की जांच अब विशेष जांच दल (SIT) करेगा। राज्य सरकार ने भाजपा विधायकों की मांग पर यह कदम उठाते हुए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में SIT का गठन किया है, जिसे 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी।
यह फैसला तब आया जब विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान भाजपा विधायक मोहन खोपड़े ने यह मामला प्रमुखता से उठाया। उन्होंने APMC प्रशासन पर बकरा मंडी से मिलने वाले लगभग 40 करोड़ रुपये के राजस्व में गबन का गंभीर आरोप लगाया। खोपड़े ने दावा किया कि यह घोटाला अधिकारियों, संचालकों और दलालों की मिलीभगत से अंजाम दिया गया।
विधायक खोपड़े ने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले दो बार—2017 में पी.एल. खंडागडे समिति और 2023 में ए.डी. पाटिल समिति—APMC की कार्यप्रणाली की जांच कर चुकी हैं। दोनों रिपोर्टों में प्रशासनिक स्तर पर गंभीर भ्रष्टाचार और नियमों की अनदेखी के संकेत मिले थे। इन रिपोर्टों के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई न होने से असंतोष व्यक्त किया गया था।
इसके अलावा APMC प्रशासन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने नियमों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से पदोन्नतियां दीं, जिससे संस्था की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
राज्य सरकार द्वारा गठित SIT अब इन सभी पहलुओं की जांच करेगी और तय समय सीमा के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। यह कदम APMC में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने की दिशा में एक अहम प्रयास माना जा रहा है।