समोसा-जलेबी के शौकीनों के लिए बुरी खबर: अब नाश्ते पर भी लगेगी सेहत की चेतावनी!
अब स्वाद नहीं, सेहत पर ध्यान! नागपुर में समोसा-जलेबी पर लगेगी चेतावनी, सरकार ने उठाया सख्त कदम
नागपुर, 15 जुलाई: बारिश की फुहारों के बीच गरमागरम समोसे और चाशनी में डूबी जलेबियां खाने का मज़ा कौन नहीं लेना चाहता? लेकिन जल्द ही इस लज़ीज़ एहसास के साथ एक सख्त चेतावनी भी दिखेगी – “समझदारी से खाएं, आपका भविष्य आपको धन्यवाद देगा।”
नागपुर से शुरू होने जा रहे इस अनोखे अभियान के तहत अब हाई कैलोरी, तले-भुने और अत्यधिक मीठे स्ट्रीट फूड्स पर सेहत संबंधी चेतावनी बोर्ड लगाए जाएंगे। इसका उद्देश्य है – लोगों को जागरूक करना कि ये स्वादिष्ट नाश्ते, अगर नियमित रूप से खाए जाएं, तो गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की नई पहल
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एक एडवाइजरी जारी की है, जिसके तहत समोसा, जलेबी, वड़ा पाव, पकौड़े, कचौड़ी जैसे पारंपरिक नाश्ते अब “पब्लिक हेल्थ रिस्क” के तौर पर चिह्नित किए जा रहे हैं। इन फूड आइटम्स में छिपी हुई कैलोरी, ट्रांस फैट, सैचुरेटेड फैट और रिफाइन्ड शुगर शरीर में चुपचाप कई बीमारियों को जन्म दे सकती हैं।
AIIMS नागपुर ने बताई गंभीरता
AIIMS नागपुर के डॉक्टर्स ने इस कदम को “फूड लेबलिंग में जरूरी क्रांति” बताया है। विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय लोग स्वाद के पीछे भागते हैं, लेकिन उनकी सेहत धीरे-धीरे खराब होती रहती है। डॉक्टरों ने चेताया कि समोसे की तली हुई परत और जलेबी की मीठी चाशनी – दोनों ही ‘धीमा ज़हर’ बन चुके हैं।
आंकड़ों की जुबानी खतरे की कहानी
- एक समोसे में: ट्रांस फैट, मैदा और डीप फ्राई प्रक्रिया से तैयार ज़हर
- एक जलेबी में: हाई कैलोरी, रिफाइन्ड शुगर और डायबिटीज बढ़ाने वाली मिठास
विशेषज्ञों का कहना है कि इनका नियमित सेवन हृदय रोग, मोटापा, पाचन तंत्र की गड़बड़ियां और ब्लड शुगर असंतुलन जैसी समस्याएं बढ़ा सकता है।
चेतावनी बोर्ड अब हर नुक्कड़ पर
इस अभियान की शुरुआत नागपुर से की जा रही है। वहां के हर ठेले, दुकान, स्कूल कैंटीन और सार्वजनिक स्थानों पर अब से ये चेतावनी बोर्ड अनिवार्य होंगे। इससे पहले जहां सिगरेट के पैकेट पर कैंसर की चेतावनी देखी जाती थी, अब वैसी ही चेतावनी खाने की थाली के साथ भी मिलने वाली है।
आगे पूरे देश में विस्तार की तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय का इरादा इस अभियान को धीरे-धीरे देशभर में लागू करने का है। मकसद यह नहीं कि लोग समोसे-जलेबी खाना छोड़ दें, बल्कि यह समझें कि स्वाद का मज़ा कब सेहत पर भारी पड़ सकता है।
तो अगली बार जब आप चाय के साथ समोसा या जलेबी लें – एक नजर उस बोर्ड पर जरूर डालें, जो शायद आपकी ज़िंदगी की दिशा बदल दे!