एक घंटे के लिए ‘ओयो’ में कमरा क्यों बुक किया गया? मुनगंटीवार ने सरकार से पूछे सवाल
ओयो होटलों पर मुनगंटीवार का हमला: “एक घंटे के लिए कमरा क्यों? जांच करे सरकार”
चंद्रपुर: महाराष्ट्र विधानसभा के मौजूदा सत्र में ओयो होटल्स को लेकर राज्य सरकार पर सवालों की बौछार हो गई है। राज्य के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने ओयो होटल्स के संचालन पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा है कि इन होटलों में अनैतिक और गैरकानूनी गतिविधियाँ चल रही हैं, जिन्हें सरकार नजरअंदाज नहीं कर सकती।
मुनगंटीवार ने सदन में खुलकर कहा कि इन होटलों में लोग कुछ घंटों के लिए कमरे बुक कर रहे हैं, और यह सिर्फ नैतिकता नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था का भी गंभीर मामला बन चुका है। उन्होंने पूछा, “आखिर एक घंटे के लिए कमरे की जरूरत किसे और क्यों पड़ती है?”
उन्होंने बताया कि अधिकतर ओयो होटल्स शहरों से दूर, सुनसान इलाकों में खुल रहे हैं, जहाँ प्रशासनिक निगरानी बेहद सीमित होती है। खास बात यह है कि इन होटलों को खोलने के लिए न तो स्थानीय ग्रामपंचायत, न नगर परिषद और न ही किसी महानगरपालिका से अनुमति ली जा रही है।
मुनगंटीवार ने सरकार से माँग की कि राज्य में चल रहे सभी ओयो होटल्स की गहन जांच की जाए और यह पता लगाया जाए कि इनकी संख्या कितनी है और वे किन-किन नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी चेताया कि यदि समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो ये होटल्स युवाओं को गलत रास्ते पर धकेल सकते हैं और अपराध दर में इजाफा हो सकता है।
उन्होंने गृह विभाग से यह भी पूछा कि क्या पुलिस और स्थानीय प्रशासन को इन गतिविधियों की जानकारी नहीं है, या वे जानबूझकर आँख मूँदकर बैठे हैं?
विधानसभा में मुनगंटीवार की इस मांग के बाद अब राज्य सरकार पर दबाव है कि वह इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाए और ओयो होटल्स के संचालन पर निगरानी बढ़ाए।