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अमरावती: लगातार बिजली कटौती से नागरिक परेशान, शिकायतों के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई

अमरावती: लगातार बिजली कटौती से नागरिक परेशान, शिकायतों के बावजूद नहीं हो रही सुनवाई

अमरावती में बिजली संकट गहराया: आठ दिन से लगातार कटौती, नागरिकों में बढ़ा आक्रोश

अमरावती, 18 जून: अमरावती जिले में लगातार हो रही बिजली कटौती और कम वोल्टेज की समस्या ने आम लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते आठ दिनों से शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में हर शाम सात बजे से आधी रात तक बिजली आपूर्ति बाधित हो रही है, जिससे नागरिकों का सब्र टूटता जा रहा है। उमस और गर्मी के बीच बार-बार ट्रिपिंग, फॉल्ट्स और वोल्टेज की समस्या ने पंखे, कूलर और एसी तक बंद करवा दिए हैं। नागरिकों में महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी (महावितरण) के खिलाफ भारी नाराजगी है।

300 से अधिक शिकायतें, समाधान शून्य

शहर में महावितरण के 14 सब-स्टेशन हैं, जहां प्रतिदिन औसतन 300 से अधिक बिजली आपूर्ति से संबंधित शिकायतें दर्ज की जा रही हैं। बावजूद इसके, सुधार की गति बेहद धीमी है। शिकायतों के निपटारे को लेकर न तो कोई स्पष्ट व्यवस्था है और न ही समयबद्ध कार्रवाई का आश्वासन। ग्रामीण इलाकों की स्थिति और भी खराब है, जहां बिजली बहाल होने में पूरा दिन लग जाता है।

“बिल नहीं भरो तो बिजली कट, लेकिन हमारी परेशानी की कोई सुनवाई नहीं”

नागरिकों का कहना है कि अगर कोई उपभोक्ता बिल का भुगतान समय पर न करे तो महावितरण तुरंत कार्रवाई कर देती है, लेकिन जब कंपनी खुद सेवाएं देने में विफल रहती है, तो जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता। कई इलाकों में बिजली कटने के बाद घंटों तक आपूर्ति बहाल नहीं होती, जिससे रातें जागते हुए गुजर रही हैं।

मानसून की शुरुआत के साथ महावितरण लाचार

तेज बारिश, तूफान और पेड़ों के गिरने से बार-बार फॉल्ट्स हो रहे हैं, लेकिन इनकी मरम्मत के लिए महावितरण के पास न तो पर्याप्त स्टाफ है, न ही त्वरित रिस्पांस की व्यवस्था। परिणामस्वरूप, कर्मचारियों को जब तक स्थिति सामान्य नहीं लगती, वे बिजली आपूर्ति बंद रखते हैं।

शहर कांग्रेस की चेतावनी, ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन

महावितरण की उदासीनता के खिलाफ नागरिकों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए हैं। कई तालुका और ग्राम पंचायत क्षेत्रों में प्रदर्शन हुए हैं। शहर कांग्रेस ने भी प्रेस बयान जारी कर महावितरण को चेतावनी दी है कि अगर जल्द हालात नहीं सुधरे तो और बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।

महावितरण का पक्ष: “बारिश और तूफान जिम्मेदार”

महावितरण के कार्यकारी अभियंता राजेंद्र घाटोले ने कहा कि, “बारिश के मौसम में पेड़ गिरना, ट्रांसफार्मर खराब होना जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। हम जानते हैं कि नागरिकों को असुविधा हो रही है, लेकिन मरम्मत में समय लगता है। हमारी टीम लगातार काम कर रही है।”

समाधान की मांग

नागरिकों ने मांग की है कि मानसून को देखते हुए महावितरण अपने स्टाफ की संख्या बढ़ाए, त्वरित रिस्पांस टीम बनाए और बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करे। अन्यथा, आने वाले दिनों में जन आक्रोश और बढ़ सकता है।

निष्कर्ष: अमरावती में बिजली व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। अब देखना यह होगा कि महावितरण और प्रशासन कितनी तत्परता से नागरिकों की इस बुनियादी जरूरत को प्राथमिकता देते हैं।

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