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चंद्रपुर: 32.68 लाख के गोबर खरीदी घोटाले में विरुर के प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी येलकेवाड़ निलंबित

चंद्रपुर: 32.68 लाख के गोबर खरीदी घोटाले में विरुर के प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी येलकेवाड़ निलंबित

चंद्रपुर में 32.68 लाख का गोबर खरीदी घोटाला उजागर, वन अधिकारी निलंबित, आठ अन्य पर भी कार्रवाई

चंद्रपुर: विरुर वन परिक्षेत्र में घास रोपण परियोजना के नाम पर किए गए फर्जी गोबर खरीदी प्रकरण में बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है। “कैम्पा योजना” के तहत 2023-24 के दौरान किए गए इस घोटाले में 32 लाख 68 हजार रुपये से अधिक की सरकारी राशि का गबन किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी सुरेश येलकेवाड़ को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दो वनपालों और छह वनरक्षकों का अन्यत्र तबादला कर दिया गया है।

कैसे हुआ घोटाला?

घास रोपण परियोजना के लिए जुलाई से नवंबर 2024 के बीच गोबर खरीदी दिखाकर भुगतान निकाला गया। हालांकि, न तो गोबर की वास्तविक खरीद हुई और न ही उसका उपयोग किया गया। जांच में सामने आया कि तत्कालीन वन अधिकारी येलकेवाड़ ने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए और भुगतान की प्रक्रिया को अंजाम दिया।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, यह पूर्व नियोजित साजिश थी जिसमें गोबर की काल्पनिक खरीदी और वितरण दिखाकर सरकारी राशि की बंदरबांट की गई। मामले की जांच के बाद दोषी अधिकारियों से राशि की वसूली भी की गई है।

विभागीय कार्रवाई शुरू

मुख्य वन संरक्षक डॉ. जितेंद्र रामगांवकर द्वारा की गई जांच के आधार पर वन अधिकारी येलकेवाड़ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। साथ ही महाराष्ट्र सिविल सेवा नियम 1979 के तहत अन्य आठ अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

जनता में आक्रोश, विभाग की छवि धूमिल

वन विभाग जैसी संरचनात्मक संस्था में इस प्रकार की वित्तीय अनियमितता ने समाज में नाराजगी फैला दी है। वन संसाधनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिम्मेदार विभाग की साख पर सवाल खड़े हो गए हैं। जिले में यह मामला अब चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार, आगे और भी अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है, और जल्द ही अतिरिक्त कार्रवाई हो सकती है।

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