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विदर्भ का गौरव: नागपुर के डॉ. विलास डांगरे और यवतमाल के सुभाष शर्मा को ‘पद्मश्री’, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

विदर्भ का गौरव: नागपुर के डॉ. विलास डांगरे और यवतमाल के सुभाष शर्मा को ‘पद्मश्री’, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

नई दिल्ली में पद्मश्री सम्मान से नवाजे गए विदर्भ के दो सपूत, चिकित्सा और कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान को मिली राष्ट्रीय पहचान

नई दिल्ली/विदर्भ: राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में विदर्भ के दो प्रतिष्ठित नागरिकों को देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से सम्मानित किया गया। नागपुर के होम्योपैथ चिकित्सक डॉ. विलास डांगरे और यवतमाल के प्रगतिशील किसान सुभाष शर्मा को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को यह सम्मान प्रदान किया।

देशभर के 68 विभूतियों को इस वर्ष पद्म पुरस्कारों के दूसरे चरण में सम्मानित किया गया, जिनमें महाराष्ट्र के छह लोग शामिल हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई प्रमुख हस्तियां उपस्थित रहीं।

डॉ. विलास डांगरे: निःस्वार्थ सेवा के प्रतीक

नागपुर के डॉ. विलास डांगरे न केवल एक प्रतिष्ठित होम्योपैथ चिकित्सक हैं, बल्कि श्री नरकेसरी प्रकाशन संस्था के अध्यक्ष के रूप में सामाजिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अब तक एक लाख से अधिक जरूरतमंदों का नि:शुल्क इलाज किया है। उनके क्लिनिक को गरीबों के लिए आशा की किरण माना जाता है। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नागपुर दौरे के दौरान उन्होंने तत्काल उपचार कर उनकी तबीयत सुधारी थी, जो चर्चा का विषय बना था।

सुभाष शर्मा: प्रकृति की राह पर चलने वाले किसान

यवतमाल जिले के सुभाष शर्मा वर्षों से प्राकृतिक और रासायन-मुक्त खेती को बढ़ावा देने में जुटे हैं। उन्होंने किसानों को पारंपरिक खेती के विकल्प के रूप में जैविक और पर्यावरण अनुकूल कृषि पद्धतियों की ओर मोड़ा। उनके प्रयोगों और नवाचारों से हजारों किसान प्रेरित हुए हैं। उनका खेत अब एक मॉडल फार्म के रूप में देशभर के किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बन चुका है।

विदर्भ के लिए सम्मान का क्षण

डॉ. डांगरे और सुभाष शर्मा को मिला पद्मश्री सम्मान सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे विदर्भ क्षेत्र के लिए गर्व और प्रेरणा का स्रोत है। यह सिद्ध करता है कि विदर्भ क्षेत्र सामाजिक सेवा, चिकित्सा और कृषि नवाचार के क्षेत्र में भी देशभर में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

यह गौरवमयी पल विदर्भ की उस ताकत और प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो वह जनसेवा और प्रगतिशील सोच के माध्यम से देश के विकास में योगदान देने के लिए रखता है।

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