Headline
मुख्यमंत्री फडणवीस का आरोप: “अति वामपंथियों से घिरे हैं राहुल गांधी, उन्हीं के इशारे पर कांग्रेस नेता कर रहे विरोध”
नागपुर एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
जन्मदिन पर गडचिरोली पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस, कोनसारी स्टील प्लांट समेत कई परियोजनाओं का किया उद्घाटन
एयर इंडिया ने पूरी की बोइंग विमानों की जांच, फ्यूल स्विच में नहीं मिली कोई तकनीकी खामी
मैनचेस्टर टेस्ट के लिए Irfan Pathan ने चुनी Team India की प्लेइंग 11, किए तीन बड़े बदलाव
62 साल की सेवा के बाद विदाई की ओर मिग-21, क्यों कहा जाता है इसे ‘उड़ता हुआ ताबूत’?
दिनभर उमस और गर्मी से बेहाल रहे लोग, शाम की बारिश ने दिलाई राहत
घरकुल लाभार्थियों को बड़ी राहत: अमरावती जिले में मुफ्त रेत वितरण अभियान को मिली रफ्तार
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से दिया इस्तीफा, देश में राजनीतिक हलचल तेज

MVA उम्मीदवारों ने हार स्वीकारने से किया इनकार, CCTV व अन्य वीडियो फुटेज की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका

MVA उम्मीदवारों ने हार स्वीकारने से किया इनकार, CCTV व अन्य वीडियो फुटेज की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका

नागपुर: MVA उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों पर उठाए सवाल, हाईकोर्ट में सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेजों की मांग

नागपुर – महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम आए छह महीने बीत चुके हैं, लेकिन महाविकास आघाड़ी (MVA) के कुछ उम्मीदवार अब भी हार स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने सीसीटीवी फुटेज, अन्य वीडियो रिकॉर्डिंग और फॉर्म 17 (सी) की प्रति उपलब्ध कराने की मांग की है।

पराजित उम्मीदवार प्रफुल्ल गुड़धे, गिरीश पांडव, जयश्री शेलके और महेश गणगणे ने यह याचिका दाखिल की है। याचिकाकर्ताओं का दावा है कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई, जिससे उन्हें नुकसान हुआ। अदालत में इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होनी है।

गौरतलब है कि 20 नवंबर 2024 को राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ था और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए गए। इन चुनावों में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मोहन मते, प्रकाश भारसाकले और संजय गायकवाड़ ने क्रमश: गुड़धे, पांडव, गणगणे और शेलके को हराया था।

हालांकि MVA उम्मीदवारों का कहना है कि चुनाव निष्पक्ष नहीं था। उन्होंने आरोप लगाया कि मतदान से पहले और बाद में ईवीएम को गोदाम से निकालने और वापस रखने की प्रक्रिया में कई खामियां थीं, और इस दौरान की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग उन्हें नहीं दी गई। इसके साथ ही, उन्होंने फॉर्म 17 (सी) की प्रति भी मांगी थी, जिसे अब तक नहीं सौंपा गया है।

इससे पहले भी इन उम्मीदवारों ने चुनाव परिणामों को चुनौती देते हुए अलग से चुनाव याचिकाएं दायर की थीं, जो फिलहाल लंबित हैं। नई याचिका में उन्होंने भारतीय चुनाव आयोग, राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रतिवादी बनाया है।

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि चुनाव प्रक्रिया में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के नियमों का उल्लंघन किया गया, फर्जी मतदान हुआ और कई जगह ईवीएम मशीनों को समय पर बदला गया। उनका दावा है कि जनता का समर्थन उन्हें मिला था, फिर भी तकनीकी अनियमितताओं के चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

अब अदालत के फैसले पर निगाहें टिकी हैं कि क्या उन्हें मांगी गई जानकारियां मिलेंगी या नहीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top