GST से खुला राज, हवाला तक जा पहुंचा मामला: 1000 करोड़ के घोटाले की परतें उधेड़ने में जुटी पुलिस
नागपुर में 1000 करोड़ का फर्जी बिलिंग और हवाला घोटाला उजागर, इंटरनेशनल मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े तार
नागपुर में आर्थिक अपराध शाखा ने एक बड़े जीएसटी और हवाला घोटाले का पर्दाफाश किया है। यह मामला एक मामूली फर्जी बिलिंग से शुरू होकर अब 1000 करोड़ रुपये के अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क तक पहुंच गया है। क्राइम ब्रांच ने कबाड़ी कारोबारी बंटी साहू के कार्यालय पर छापेमारी कर इस घोटाले से जुड़े कई चौंकाने वाले दस्तावेज बरामद किए हैं।
बंटी साहू ‘साक्षी फूड्स’ नाम की एक फर्जी फर्म के जरिए कथित तौर पर बड़े पैमाने पर जीएसटी चोरी और हवाला ट्रांजैक्शन को अंजाम दे रहा था। जांच में अब तक 87 फर्जी कंपनियों का पता चला है, जिनके जरिए हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई। शुरुआती जांच में अनुमान है कि इन फर्जी कंपनियों के जरिए लगभग 1000 करोड़ रुपये का गोरखधंधा किया गया।
अब तक बंटी साहू, उनके भाई जयेश साहू, वृजकिशोर मनियार, ऋषि लखानी और आनंद हरडे को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस का दावा है कि बंटी और वृजकिशोर इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड हैं, जिन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और कॉमर्स ग्रेजुएट्स की एक टीम बनाकर फर्जी कंपनियों का जाल बिछाया।
क्राइम ब्रांच ने इन आरोपियों के आठ बैंक खातों को सील कर दिया है और इनका फॉरेंसिक ऑडिट किया जा रहा है। साथ ही, जिन व्यापारियों ने इस फर्जी बिलिंग रैकेट के जरिए काले धन को सफेद किया, वे भी अब जांच के घेरे में हैं।
प्राथमिक जांच में ‘प्राइम ट्रेडर्स’, ‘त्रिशा ट्रेडर्स’ और ‘आशीष ट्रेडर्स’ जैसी फर्जी फर्मों का नाम सामने आया है, जिनके जरिए करीब 160 करोड़ रुपये के फर्जी बिल तैयार किए गए। पुलिस को इस रैकेट के ऑनलाइन गेमिंग और विदेशी हवाला चैनलों से भी जुड़े होने के सुराग मिले हैं, जिसकी जांच अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) से भी साझा की जा सकती है।
यह घोटाला नागपुर में अब तक का सबसे बड़ा आर्थिक अपराध बनता जा रहा है, जिसकी परतें एक के बाद एक खुल रही हैं।