कभी था सिर्फ मर्दों का खेल, अब बना सबका एडवेंचर: जानिए बंजी जंपिंग की थ्रिलिंग कहानी!
परंपरा से एडवेंचर तक का सफर: बंजी जंपिंग ने कैसे जीता रोमांच पसंद लोगों का दिल
बंजी जंपिंग की शुरुआत एक पारंपरिक रिवाज से हुई थी, लेकिन वक्त के साथ यह एक थ्रिलिंग एडवेंचर स्पोर्ट में तब्दील हो गई। जहां कभी इसे साहस का प्रतीक माना जाता था, वहीं आज यह रोमांच के दीवानों की पहली पसंद बन चुकी है। भारत में भी इसने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है और देश के अलग-अलग हिस्सों में लोग इस अनुभव को जीने पहुंचते हैं।
लेकिन इस रोमांचक खेल में छलांग लगाने से पहले इसकी ऐतिहासिक यात्रा को जानना बेहद दिलचस्प है। यह न सिर्फ साहस और उत्साह का प्रतीक है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे एक परंपरा ने ग्लोबल स्पोर्ट का रूप ले लिया।
सिर्फ रोमांच ही नहीं, एक परंपरा की विरासत है बंजी जंपिंग – जानिए इसकी शुरुआत और भारत में बढ़ती दीवानगी
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में पर्यटन अब सिर्फ सैर-सपाटे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रोमांच की तलाश भी इसका अहम हिस्सा बन चुकी है। देशभर में एडवेंचर स्पोर्ट्स का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है, खासकर युवाओं में बंजी जंपिंग का जुनून अलग ही देखने को मिल रहा है। ऊंचाई से रस्सी के सहारे छलांग लगाना जितना डरावना लगता है, उतना ही यह आत्मविश्वास और साहस का अनुभव भी कराता है।
ऋषिकेश, जिसे योग नगरी के नाम से जाना जाता है, अब भारत के सबसे ऊंचे बंजी जंपिंग प्वाइंट का घर बन चुका है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह थ्रिलिंग स्पोर्ट असल में कहां और कैसे शुरू हुआ?
बंजी जंपिंग की जड़ें एक अनोखी सांस्कृतिक परंपरा में छिपी हैं। समय के साथ यह परंपरा एक साहसिक खेल में बदल गई और आज यह दुनिया भर में हजारों एडवेंचर लवर्स को ऊंचाई से छलांग लगाने का जुनून दे रही है। भारत में इसकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, और यह न केवल ट्रैवल लवर्स बल्कि आत्मविश्वास बढ़ाने वालों के लिए भी एक पसंदीदा अनुभव बन गया है।
अब वक्त है इस खेल के पीछे की असली कहानी को जानने का, जिसने परंपरा से होते हुए ग्लोबल एडवेंचर आइकॉन बनने का सफर तय किया।