दिल्ली की सड़कों के लिए रेखा सरकार का मास्टर प्लान तैयार: अब नहीं होंगी जल्द खराब, मरम्मत खर्च में भी कटौती
दिल्ली की सड़कों को प्लास्टिक से मिलेगी मजबूती, उम्र बढ़ेगी दो साल तक
दिल्ली सरकार राजधानी की सड़कों को अधिक टिकाऊ और लंबे समय तक चलने योग्य बनाने के लिए अब प्लास्टिक का उपयोग करने की तैयारी कर रही है। सरकार की योजना है कि सड़कों के निर्माण में प्लास्टिक-मिश्रित सामग्री का उपयोग किया जाए, जिससे न केवल सड़कों की उम्र करीब दो साल तक बढ़ेगी, बल्कि बार-बार मरम्मत की जरूरत भी कम होगी।
इस नई तकनीक को अमल में लाने के लिए दिल्ली सरकार केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) की विशेषज्ञता लेने पर विचार कर रही है। इस योजना के तहत पुराने प्लास्टिक कचरे का उपयोग करके पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा और राजधानी की सड़कों की हालत भी सुधरेगी।
सरकार का मानना है कि यह कदम सड़कों की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ लागत में भी कटौती करेगा। जल्द ही इस प्रस्ताव पर विस्तृत योजना तैयार कर अमल शुरू किया जा सकता है।
दिल्ली की सड़कों में होगा प्लास्टिक का इस्तेमाल, टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल होंगी सड़कें
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में सड़कों की जर्जर हालत को सुधारने और उन्हें ज्यादा टिकाऊ बनाने के लिए अब प्लास्टिक युक्त सड़कों की योजना पर काम शुरू होने जा रहा है। इस तकनीक के जरिए न केवल सड़कों की उम्र करीब दो साल तक बढ़ाई जा सकेगी, बल्कि बार-बार टूटने की समस्या से भी राहत मिलेगी।
दिल्ली सरकार इस योजना को धरातल पर लाने के लिए केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) की मदद लेने की तैयारी कर रही है। सीआरआरआई ने पूर्व में दिल्ली कैंट क्षेत्र में प्लास्टिक मिश्रित सड़क का सफल परीक्षण किया था, जिसके नतीजे बेहद सकारात्मक रहे।
वैज्ञानिकों के अनुसार, एक किलोमीटर सड़क निर्माण में लगभग एक टन प्लास्टिक कचरे का उपयोग किया जा सकता है, जिससे न केवल पर्यावरण को लाभ होगा बल्कि सड़क निर्माण की लागत में भी कमी आएगी। प्लास्टिक का यह पुनर्चक्रण दिल्ली की सफाई व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने में मदद करेगा।
सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव पर जल्द ही सीआरआरआई और दिल्ली सरकार के बीच उच्चस्तरीय बैठक होने की संभावना है। भाजपा सरकार ने हाल ही में राजधानी की सड़कों की खराब स्थिति पर चिंता जताई थी, जिसे सुधारने के लिए यह एक ठोस पहल मानी जा रही है।
सड़कों की इस नई तकनीक से दिल्लीवासियों को लंबे समय तक बेहतर और सुरक्षित सफर की सुविधा मिल सकती है।