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महाराष्ट्र में Ola Electric के 75 शोरूम सील, 192 स्कूटर जब्त

महाराष्ट्र में Ola Electric के 75 शोरूम सील, 192 स्कूटर जब्त

महाराष्ट्र: वैध ट्रेड सर्टिफिकेट न मिलने पर ओला इलेक्ट्रिक के 75 शोरूम सील, 192 स्कूटर जब्त

महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ओला इलेक्ट्रिक के 75 शोरूम पर ताला जड़ दिया है। यह कदम हाल ही में हुई जांच के बाद उठाया गया, जिसमें राज्यभर के 146 ओला स्टोर्स की समीक्षा की गई थी।

सरकारी जांच में सामने आया कि इन शोरूम में से 121 के पास वैध ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं था, जो कि वाहन बिक्री के लिए अनिवार्य होता है। नियमों के उल्लंघन के चलते अब तक 75 आउटलेट बंद किए जा चुके हैं, जबकि अन्य पर कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।

इसके साथ ही सरकार ने 192 ओला इलेक्ट्रिक स्कूटर्स को भी जब्त कर लिया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि बिना वैध प्रमाणपत्र के वाहन बेचना नियमों का गंभीर उल्लंघन है, और इस मामले में सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

उद्योग से जुड़े लोगों में इस कार्रवाई के बाद हलचल मच गई है, वहीं उपभोक्ताओं के बीच भी इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं।

ओला इलेक्ट्रिक की मुश्किलें बढ़ीं: महाराष्ट्र में 75 शोरूम सील, 192 स्कूटर जब्त, ट्रेड सर्टिफिकेट की भारी गड़बड़ी उजागर

नई दिल्ली (ऑटो डेस्क): इलेक्ट्रिक स्कूटर निर्माता ओला इलेक्ट्रिक एक बार फिर विवादों में घिर गई है। हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ओला के 75 डीलरशिप शोरूम बंद कर दिए हैं और 192 स्कूटर जब्त किए हैं।

इस कार्रवाई की जड़ में है डीलरशिप के पास आवश्यक वैध ट्रेड सर्टिफिकेट का न होना। लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र आरटीओ विभाग ने राज्यभर में ओला इलेक्ट्रिक के 146 स्टोर्स का निरीक्षण किया, जिसमें 121 शोरूम (करीब 83%) के पास ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं पाया गया।

सरकार ने दिया निर्देश, बिना सर्टिफिकेट वाले सभी स्टोर हों बंद

राज्य के संयुक्त परिवहन आयुक्त ने 16 अप्रैल 2025 को आरटीओ को एक ईमेल के माध्यम से निर्देश जारी किया, जिसमें स्पष्ट कहा गया कि बिना वैध प्रमाणपत्र के किसी भी ओला डीलरशिप को चलने की अनुमति न दी जाए। इसके चलते कई प्रमुख शहरों — पुणे, मुंबई और नागपुर — में भी शोरूम सील किए गए हैं।

ओला के दावों और वास्तविकता में अंतर

गौरतलब है कि ओला इलेक्ट्रिक ने फरवरी 2025 में 25,000 यूनिट्स की बिक्री का दावा किया था, लेकिन जब रजिस्ट्रेशन डेटा की जांच की गई, तो केवल 8,647 वाहन ही पंजीकृत पाए गए। इस बड़े अंतर ने भी सरकार को कार्रवाई के लिए प्रेरित किया।

ओला इलेक्ट्रिक ने सफाई देते हुए बताया है कि वह महाराष्ट्र के सभी स्टोर्स में ट्रेड सर्टिफिकेट के लिए आवेदन प्रक्रिया में है। हालांकि, तब तक जिन स्टोर्स के पास वैध दस्तावेज़ नहीं हैं, उन पर कार्रवाई जारी रहेगी।

क्यों जरूरी है ट्रेड सर्टिफिकेट?

ट्रेड सर्टिफिकेट किसी भी वाहन डीलर के लिए अनिवार्य होता है, ताकि बेचे गए वाहनों का कानूनी रूप से पंजीकरण हो सके। बिना इस प्रमाणपत्र के वाहन बेचना नियमों का उल्लंघन है, जिससे न केवल कंपनी बल्कि ग्राहक भी परेशानी में पड़ सकते हैं।

क्या आगे और कार्रवाई हो सकती है?

मौजूदा हालात को देखते हुए, ऐसा माना जा रहा है कि बाकी बचे स्टोर्स पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है। यदि दस्तावेज़ों में अनियमितता पाई गई तो उनकी भी सीलिंग और जब्ती की कार्रवाई की जा सकती है।

निष्कर्ष: ओला इलेक्ट्रिक को महाराष्ट्र सरकार की इस कार्रवाई से बड़ा झटका लगा है। ग्राहकों और डीलरों दोनों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब देखना होगा कि कंपनी कैसे इस संकट से उबरती है और अपनी प्रक्रियाओं में सुधार करती है।

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