‘फुले’ जैसी फिल्म थिएटर में जल्द रिलीज होनी चाहिए: राज ठाकरे ने विवाद और राजनीति को बताया गलत
राज ठाकरे ने ‘फुले’ फिल्म को बताया शिक्षाप्रद, विवादों को खारिज करते हुए कहा – इतिहास पर राजनीति नहीं होनी चाहिए
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने फिल्म फुले को लेकर चल रहे विवाद को लेकर अपना रुख स्पष्ट करते हुए इसे अनावश्यक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने साफ कहा कि ऐसी ऐतिहासिक और शिक्षाप्रद फिल्मों को रोका नहीं जाना चाहिए, बल्कि इन्हें ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंचना चाहिए।
राज ठाकरे की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब फुले फिल्म की रिलीज को लेकर राज्य में विरोध देखा गया है। पहले 11 अप्रैल को रिलीज़ होने वाली यह फिल्म अब 25 अप्रैल को सिनेमाघरों में आएगी। रिलीज़ में देरी की वजह ब्राह्मण महासंघ की ओर से उठाई गई आपत्तियाँ और सेंसर बोर्ड के कुछ सुझाव रहे।
राज ठाकरे से मिली निर्देशक की टीम
फिल्म के निर्देशक और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अनंत महादेवन ने हाल ही में राज ठाकरे से उनके निवास ‘शिवतीर्थ’ पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज को फिल्म का ट्रेलर दिखाया और फिल्म के ऐतिहासिक संदर्भों पर चर्चा की। महादेवन ने बताया कि फिल्म मुख्य रूप से महात्मा ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले के सामाजिक संघर्षों और उपलब्धियों पर आधारित है, जिसमें महिला शिक्षा, जातिवाद के खिलाफ आंदोलन और सामाजिक सुधार जैसे गंभीर विषयों को दर्शाया गया है।
राज ठाकरे ने दिया समर्थन
ट्रेलर देखने के बाद राज ठाकरे ने फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि इसकी कहानी ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित है और इसमें कोई गलत प्रस्तुति नहीं है। उन्होंने कहा, “फिल्म में जो दिखाया गया है वह वही है जो इतिहास में दर्ज है। सिर्फ ट्रेलर देखकर विरोध करना गलत है। पूरी फिल्म देखने के बाद ही प्रतिक्रिया दी जानी चाहिए।”
राज ठाकरे ने यह भी कहा कि फिल्म की रिलीज़ महात्मा फुले की जयंती पर होनी चाहिए थी, और अफसोस जताया कि जातिगत राजनीति के चलते महापुरुषों के योगदान को विवादों में घसीटा जा रहा है।
शालिनी ठाकरे का भी समर्थन
मनसे चित्रपट कर्मकार सेना की कार्यकारी अध्यक्ष शालिनी ठाकरे ने भी फिल्म का समर्थन करते हुए कहा कि अगर फिल्म में ऐतिहासिक तथ्य सही दिखाए गए हैं, तो फिर उसमें किसी भी तरह का बदलाव करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों पर बनी फिल्मों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, न कि रोका जाना चाहिए।
प्रमुख भूमिकाओं में हैं प्रतीक गांधी और पत्रलेखा
फुले फिल्म में स्कैम 1992 फेम प्रतीक गांधी, महात्मा फुले की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि अभिनेत्री पत्रलेखा, सावित्रीबाई फुले के किरदार में नजर आएंगी। निर्देशक अनंत महादेवन ने फिल्म को शोध और इतिहास के आधार पर गढ़ा है, ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन सके।
अब जबकि फिल्म की नई रिलीज़ डेट 25 अप्रैल तय की गई है, सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या फुले अपने संवेदनशील विषय के बावजूद दर्शकों के दिल में जगह बना पाएगी या नहीं। मगर फिलहाल, राज ठाकरे का समर्थन इसके पक्ष में एक मजबूत संदेश ज़रूर दे रहा है।