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बैसाखी उत्सव के लिए पाकिस्तान रवाना हुआ 1942 श्रद्धालुओं का जत्था, 19 अप्रैल को लौटेगा अमृतसर

बैसाखी उत्सव के लिए पाकिस्तान रवाना हुआ 1942 श्रद्धालुओं का जत्था, 19 अप्रैल को लौटेगा अमृतसर

बैसाखी के मौके पर पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ 1942 श्रद्धालुओं का जत्था, 19 अप्रैल को होगी वापसी

अमृतसर – बैसाखी पर्व के अवसर पर वीरवार को अमृतसर से 1942 श्रद्धालुओं का एक विशाल जत्था अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ। श्रद्धालु वहां स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन करेंगे और 19 अप्रैल को भारत लौटेंगे।

जत्थे में शामिल श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखने को मिला। ये श्रद्धालु गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब, गुरुद्वारा डेरा साहिब समेत अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों पर माथा टेकेंगे।

इससे पहले मंगलवार को जम्मू के 261 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान यात्रा के लिए वीजा प्रदान किया गया था। श्रद्धालुओं की इस यात्रा को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है।

सरकारी और धार्मिक संगठनों की निगरानी में यह यात्रा शांतिपूर्वक और सुरक्षित ढंग से संपन्न कराने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।

बैसाखी पर पाकिस्तान रवाना हुआ 1942 श्रद्धालुओं का जत्था, हरमंदिर साहिब से दी रवाना होने की अरदास

अमृतसर – बैसाखी पर्व के पावन अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा वीरवार को 1942 श्रद्धालुओं का एक विशेष जत्था पाकिस्तान के ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन के लिए अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते रवाना किया गया। रवाना होने से पहले जत्थे ने श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेका और “जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल” के जयकारों के साथ यात्रा की शुरुआत की।

यह जत्था पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा पंजा साहिब, गुरुद्वारा डेरा साहिब, गुरुद्वारा ननकाना साहिब सहित अन्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करेगा और 19 अप्रैल को स्वदेश लौटेगा।

इससे पहले मंगलवार को जम्मू के 261 श्रद्धालुओं को वीजा प्रदान किया गया था। खास बात यह रही कि इस बार सभी आवेदनकर्ताओं को वीजा जारी किया गया, जो बीते वर्षों में कम ही देखने को मिला है।

पिछले कई वर्षों से तीर्थ यात्रा के लिए वीजा प्रक्रियाओं में मदद कर रहे शमशेर सिंह चौहालवी ने बताया कि पाकिस्तान सरकार द्वारा सभी श्रद्धालुओं को वीजा दिए जाने से संगत में विशेष उत्साह है। उन्होंने कहा, “यह बहुत ही सुखद और ऐतिहासिक क्षण है, जब बिना किसी अस्वीकृति के सभी इच्छुक श्रद्धालु दर्शन के लिए जा पा रहे हैं।”

श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव, श्री गुरु अर्जन देव जी के शहीदी दिवस और बैसाखी जैसे धार्मिक अवसरों पर सिख संगत को पाकिस्तान स्थित पवित्र स्थलों के दर्शन करने का अवसर मिलता है। इस बार भी श्रद्धालुओं में इन ऐतिहासिक गुरुद्वारों के दर्शन को लेकर विशेष श्रद्धा और उमंग देखने को मिल रही है।

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