UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर: RBI और NPCI मर्चेंट ट्रांजैक्शन की लिमिट बढ़ाने की तैयारी में
आरबीआई ने रेपो रेट में की 0.25 फीसदी की कटौती, यूपीआई मर्चेंट लिमिट बढ़ाने पर भी हो सकता है फैसला
देश की केंद्रीय बैंक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए हैं। इनमें रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कमी की गई है। इसके अलावा, पीटीआई के अनुसार, आरबीआई यूपीआई पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन की लिमिट बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है, जिससे उपयोगकर्ताओं को और अधिक सहूलियत मिल सकती है।
आरबीआई की बैठक में बड़ा फैसला: यूपीआई मर्चेंट लिमिट को बढ़ाने पर विचार, 5 लाख तक हो सकती है लिमिट
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 7 अप्रैल को शुरू हुई थी और आज, 9 अप्रैल को इसके महत्वपूर्ण फैसले सामने आए हैं। इस बैठक में रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ अन्य वित्तीय फैसले भी लिए गए हैं।
अब, आरबीआई पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) ट्रांजेक्शन की लिमिट को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में, यूपीआई के जरिए किसी व्यक्ति द्वारा मर्चेंट के साथ किए गए लेन-देन की लिमिट 1 लाख रुपये है। लेकिन अब इस लिमिट को 2 लाख रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक बढ़ाने की संभावना है, हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि यूपीआई के बढ़ते उपयोग को देखते हुए यह कदम उठाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी राशि के लेन-देन में किसी तरह के धोखाधड़ी के मामलों को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, बैंकों को अपनी नीतियों के आधार पर इन लिमिट्स को तय करने का अधिकार रहेगा।
वहीं, यूपीआई के पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजेक्शन की लिमिट फिलहाल 1 लाख रुपये ही बनी रहेगी।