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मोदी ने संघ को बताया भारत की संस्कृति का अक्षयवट, कहा – सेवा बनी तो साधना बनी

मोदी ने संघ को बताया भारत की संस्कृति का अक्षयवट, कहा – सेवा बनी तो साधना बनी

नागपुर में पीएम मोदी ने किया संघ के सेवा कार्यों का गुणगान, बोले – जहां सेवा, वहां संघ

नागपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नागपुर दौरे के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) परिवार के माधव नेत्रालय के विस्तारित भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर अपने 40 मिनट के संबोधन में उन्होंने संघ के योगदान पर प्रकाश डालते हुए इसे भारतीय संस्कृति का “सदाबहार वृक्ष” बताया।

संघ भारत की मूल भावना का रक्षक: मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि भारत पर सैकड़ों वर्षों तक विदेशी आक्रमण हुए, कई आक्रांताओं ने हमारी संस्कृति को मिटाने की कोशिश की, लेकिन भारतीयता की आत्मा को कोई नष्ट नहीं कर सका। उन्होंने भक्ति आंदोलन को भारतीय समाज को एक सूत्र में पिरोने वाला बताया और कहा कि इस आंदोलन ने राष्ट्रीयता की भावना को जीवित रखा।

उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को राष्ट्रवाद की ओर प्रेरित किया, और उसी समय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने संघ की नींव रखी। उन्होंने संघ को सिर्फ एक वटवृक्ष नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का अक्षयवट बताया।

संघ सेवा का दूसरा नाम: मोदी

मोदी ने कहा कि संघ सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि सेवा का पर्याय है। उन्होंने कहा, “जहां भी सेवा कार्य है, वहां संघ है।” उन्होंने संघ के वनवासी कल्याण आश्रम, एकल विद्यालय और अन्य सेवा कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि संघ के स्वयंसेवक सीमावर्ती क्षेत्रों, जंगलों और पहाड़ों में भी समाज की सेवा कर रहे हैं।

संघ को अनुशासन और समर्पण की मिसाल बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वयंसेवक एक प्रशिक्षित सैनिक की तरह हर परिस्थिति में सेवा कार्य के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होंने संघ के सेवा कार्यों की सराहना करते हुए इसे राष्ट्र के उत्थान में महत्वपूर्ण बताया।

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