बुलडोजर एक्शन पर कोर्ट की गाइडलाइन के बावजूद महाराष्ट्र, पंजाब, और गुजरात में जारी है ताबड़तोड़ कार्रवाई
बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने फहीम खान और यूसुफ शेख समेत याचिकाकर्ताओं की संपत्तियों को गिराने पर रोक लगाते हुए अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बिना सुनवाई के संपत्ति मालिकों के खिलाफ की गई विध्वंस कार्रवाई पर चिंता व्यक्त की और बिना दोष के उन्हें अपना पक्ष रखने का अवसर दिए बिना यह कदम उठाने पर सवाल उठाए।
पिछले कुछ महीनों से भारत में अपराधियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई एक सामान्य तरीका बन चुका है। इसे अक्सर आरोपियों को सजा देने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे दंडात्मक उपाय के रूप में असंवैधानिक करार दिया था। इसके बावजूद, कोर्ट के फैसले के बावजूद कई राज्यों में बुलडोजर से तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी रही है।
पिछले कुछ महीनों से भारत में अपराधियों पर बुलडोजर कार्रवाई एक प्रमुख तरीका बन गया है, जो अक्सर आरोपियों को सजा देने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि, नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे दंडात्मक उपाय के तौर पर असंवैधानिक बताया था। इसके बावजूद, कोर्ट के आदेश के बावजूद कई राज्यों में बुलडोजर से तोड़फोड़ की कार्रवाई जारी है।
हाल ही में राजस्थान के ब्यावर में एक नाबालिग लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न और जबरन बातचीत के मामले में कई घरों, मस्जिद और कब्रिस्तान को ध्वस्तीकरण नोटिस भेजे गए थे, जिन्हें स्थानीय कानून प्रवर्तन और हिंदुत्व संगठनों ने ‘लव जिहाद’ करार दिया। हिंदूवादी संगठनों द्वारा बुलडोजर कार्रवाई की मांग के बाद, राजस्थान हाई कोर्ट ने आगे की तोड़फोड़ पर रोक लगाने से पहले एक आरोपी के घर के कुछ हिस्सों को गिरा दिया था।
वहीं, उसी हफ्ते महाराष्ट्र के मालवन में नगर निगम ने एक मुस्लिम व्यक्ति की कबाड़ की दुकान को तोड़ दिया, क्योंकि एक विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि दुकान मालिक के बेटे ने भारत बनाम पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी मैच के बाद ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया था। इसके बाद, लड़के के चाचा की दुकान भी ध्वस्त कर दी गई और परिवार द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कबाड़ के व्यवसाय के वाहनों को भी तोड़ दिया गया।
नागपुर और मुंबई में सरकारी कार्रवाई
सोमवार को महाराष्ट्र के दो प्रमुख शहरों में सरकारी एजेंसियों ने कार्रवाई की। पहली कार्रवाई मुंबई के खार इलाके में हुई, जहां हैबिटेट नामक स्टूडियो को ध्वस्त किया गया। यही वही स्टूडियो है जहां कॉमेडियन कुणाल कामरा ने वह विवादित शो किया था, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर तीखी टिप्पणियां की थीं। इस शो का वीडियो बाद में वायरल हो गया था।
वहीं दूसरी कार्रवाई नागपुर में हुई, जहां नगर निगम ने फहीम खान की दोमंजिला इमारत को तोड़ दिया। फहीम खान पर नागपुर हिंसा के आरोप हैं, और निगम ने उनकी इमारत के निर्माण में अनियमितताएं पाई थीं, जिसके चलते यह कदम उठाया गया।