
पीएम मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में कहा – “21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है”
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलेशिया में आयोजित आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भाग लेते हुए भारत और आसियान देशों के बीच गहरे संबंधों को रेखांकित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और आसियान मिलकर दुनिया की लगभग एक चौथाई जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं और दोनों के बीच न केवल भौगोलिक, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और मूल्यों की गहरी साझेदारी है।
उन्होंने मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को आसियान की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी और कहा कि “आसियान, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का एक प्रमुख स्तंभ है। भारत सदैव आसियान सेंट्रेलिटी और इंडो-पैसिफिक पर आसियान के दृष्टिकोण का पूर्ण समर्थन करता है।”
पीएम मोदी ने इस वर्ष की आसियान थीम ‘इंक्लूसिविटी एंड सस्टेनेबिलिटी’ को सराहते हुए कहा कि यह हमारे साझा प्रयासों की झलक पेश करती है। उन्होंने कहा, “डिजिटल समावेशन से लेकर खाद्य सुरक्षा और लचीली सप्लाई चेन तक—भारत इन सभी प्राथमिकताओं का पूर्ण समर्थन करता है और इनके लिए मिलकर कार्य करने को प्रतिबद्ध है।”
आपदा प्रबंधन और सहयोग के क्षेत्र में भारत की भूमिका का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “भारत हर संकट और आपदा में अपने आसियान मित्र देशों के साथ मजबूती से खड़ा रहा है।” उन्होंने घोषणा की कि साल 2026 को ‘आसियान-इंडिया ईयर ऑफ मेरिटाइम कोऑपरेशन’ के रूप में मनाया जाएगा।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, खेल, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा के क्षेत्रों में आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और आसियान अपने साझा सांस्कृतिक विरासत और पीपुल-टू-पीपुल संबंधों को और सुदृढ़ करेंगे।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा, “21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है। मुझे विश्वास है कि आसियान कम्यूनिटी विजन 2045 और विकसित भारत 2047 मिलकर मानवता के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।”
