यूपी: बुलंदशहर में NH-34 पर चलती बस में लगी आग, 70-80 यात्री थे सवार, मची अफरा-तफरी

बुलंदशहर में NH-34 पर चलती बस में लगी भीषण आग, बाल-बाल बचे 80 यात्री; ड्राइवर की लापरवाही से बड़ा हादसा टला
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रविवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब NH-34 पर दौड़ती एक बस अचानक आग का गोला बन गई। बस में उस समय करीब 70 से 80 यात्री सवार थे, लेकिन समय रहते सभी ने किसी तरह बस से कूदकर अपनी जान बचा ली। यह हादसा थाना खुर्जा देहात क्षेत्र में हुआ।
दादरी से हरदोई जा रही थी बस, पहले से थी तकनीकी खराबी
बताया गया है कि यह बस दादरी से हरदोई की ओर जा रही थी और यात्रियों के अनुसार, बस की हालत काफी खराब थी। सफर के दौरान कई बार इंजन के अधिक गर्म होने की वजह से गाड़ी रोकी गई, लेकिन उसकी मरम्मत के बजाय बस को फिर से दौड़ा दिया गया। ज्यादा गर्म होने पर इंजन ने आग पकड़ ली और चंद ही मिनटों में बस धू-धू कर जलने लगी।
यात्रियों ने शीशे तोड़कर बचाई जान
जब आग तेजी से फैलने लगी, तो कई यात्रियों ने बस के शीशे तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की। अफरा-तफरी के बीच कई लोगों ने बच्चों को पहले उतारा और फिर खुद कूदे। भगदड़ के कारण कुछ लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े, जिससे हल्की चोटें भी आईं। हालांकि, किसी के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना नहीं है।आरटीओ की लापरवाही उजागर, बिना फिटनेस के चल रही थी बस
हैरानी की बात ये है कि यह बस फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना हाईवे पर दौड़ रही थी। ऐसे में आरटीओ विभाग की लापरवाही भी सवालों के घेरे में आ गई है। यात्रियों ने आरोप लगाया कि बस में पहले से तकनीकी गड़बड़ियां थीं और ड्राइवर को इसकी जानकारी होने के बावजूद उसने बस नहीं रोकी।
यात्री की आपबीती: “आवाज आ रही थी, फिर भी बस चलाता रहा”
बस में सवार सुमित कुमार नामक यात्री ने बताया, “मैं दादरी से फर्रुखाबाद जा रहा था। बस में आग लगने के बाद हम शीशे तोड़कर कूदे। बच्चों को पहले उतारा। भगदड़ मच गई, कुछ बच्चे दब गए। हमारा सामान और पैसे बस में ही रह गए और सब जल गया। ड्राइवर को बस की हालत का अंदाजा था, फिर भी उसने बस नहीं रोकी।”
जांच की मांग तेज, प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद
इस हादसे ने प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों और यात्रियों ने जिम्मेदार अधिकारियों और बस मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। हादसे की जांच की मांग की जा रही है ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न दोहराई जाए।
