बुलढाणा: पाँच महीने से लंबित फैसला आया, तांबे ही बने रहेंगे पुलिस अधीक्षक — कैट ने याचिका की खारिज
कैट ने बुलढाणा एसपी तबादला विवाद पर सुनाया फैसला, नीलेश तांबे रहेंगे पद पर कायम — पाँच महीने से लंबित मामला हुआ समाप्त
बुलढाणा। बुलढाणा जिला पुलिस अधीक्षक के तबादले को लेकर पिछले पाँच महीनों से चल रहा विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है। केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) ने बुधवार को अपना फैसला सुनाते हुए विश्व पानसरे की याचिका को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि नीलेश तांबे ही बुलढाणा के पुलिस अधीक्षक बने रहेंगे।
धनतेरस की पूर्व संध्या पर आए इस फैसले से तांबे को राहत मिली है, जबकि पुलिस प्रशासन में भी अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। इससे पहले, 8 सितंबर को कैट ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे अब घोषित किया गया।
विश्व पानसरे ने 22 मई को अपने तबादले के आदेश के खिलाफ कैट में याचिका दायर की थी। उन्होंने यह सवाल उठाया था कि मात्र नौ महीनों में उनका स्थानांतरण क्यों किया गया। कैट ने प्रारंभिक सुनवाई में तबादले पर अस्थायी रोक लगाई थी, लेकिन बाद में यह रोक हटा ली गई, जिससे संकेत मिल गया था कि फैसला तांबे के पक्ष में जा सकता है।
न्यायमूर्ति रंजीत मोरे की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस प्रकरण में कई बार सुनवाई हुई। अंततः 17 अक्टूबर को दोपहर तीन बजे कैट ने आदेश जारी करते हुए पानसरे की याचिका को खारिज कर दिया।
राज्य सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक और कानूनी सलाहकार एडवोकेट डॉ. विनय मासुरकर ने केस प्रस्तुत किया, जबकि नीलेश तांबे की ओर से एडवोकेट राज पुरोहित ने पैरवी की।
फैसले के बाद अब नीलेश तांबे बुलढाणा जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में अपनी सेवाएँ जारी रखेंगे और धनतेरस से अपनी नई कार्यावधि की औपचारिक शुरुआत करेंगे।

