महाराष्ट्र में आज से दीपावली की शुरुआत, वसुबारस का पर्व धूमधाम से मनाया गया

वसुबारस से महाराष्ट्र में दीपावली का शुभारंभ, गोपूजन के साथ घर-आंगन में बिखरे श्रद्धा और उत्सव के रंग
नागपुर/महाराष्ट्र – महाराष्ट्र में आज से दीपावली पर्व की आधिकारिक शुरुआत वसुबारस के साथ हो गई है। गोवत्स द्वादशी के इस पर्व पर गाय और बछड़ों की पूजा कर लोगों ने दीपोत्सव की शुरुआत की। ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक गीतों और रीति-रिवाजों के बीच वसुबारस का उत्सव पूरे भक्ति भाव से मनाया गया, तो वहीं शहरी इलाकों में भी दीपों की रोशनी और रंगोली से घर-आंगन सजे नजर आए।
सुबह से ही नागपुर समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में गोपूजन का सिलसिला शुरू हो गया। महिलाओं ने स्नान कर पारंपरिक विधि से गोरस की पूजा की और घरों में दीप जलाकर शुभता का आह्वान किया। किसानों ने अपने गोवंश को स्नान कराकर उन्हें फूलों से सजाया और विशेष व्यंजनों से उनका सत्कार किया।
बाजारों में भी दीपावली की रौनक
वसुबारस के साथ ही बाजारों में रौनक और ग्राहकों की भीड़ बढ़ने लगी है। सजावटी सामान, मिठाइयाँ, दिए और रंगोली की खरीदारी पूरे जोरों पर है। छोटे दुकानदारों और व्यापारियों के चेहरों पर उम्मीद की झलक दिख रही है। उनका मानना है कि वसुबारस शुभ खरीदारी का संकेत देती है, और इससे पूरे त्योहार की आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार मिलती है।
वसुबारस: मातृत्व और समृद्धि का प्रतीक
हिंदू संस्कृति में वसुबारस को विशेष महत्व प्राप्त है। इसे मातृत्व, पालन-पोषण और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है, इसीलिए इस दिन गाय की पूजा कर दिवाली की शुरुआत की जाती है।
पांच दिवसीय दीपोत्सव का यह पहला दिन महाराष्ट्र में श्रद्धा, भक्ति और सांस्कृतिक उल्लास के रंगों में रंगा रहा। अब आगे धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन और भाऊबीज के साथ दीपावली का यह पर्व धीरे-धीरे चरम पर पहुंचेगा।
