NCRB Report 2023: अपराधों में 38.8% की कमी, लेकिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ मामलों में बढ़ोतरी से नागपुर में बढ़ी चिंता

नागपुर: NCRB रिपोर्ट 2023 में अपराधों में गिरावट, लेकिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ मामलों में चिंता बढ़ी
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) की ताज़ा ‘क्राइम इन इंडिया 2023’ रिपोर्ट ने नागपुर शहर के अपराध आंकड़ों को मिश्रित संकेतों के साथ प्रस्तुत किया है। जहां एक ओर कुल अपराधों में उल्लेखनीय कमी आई है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी ने चिंताएं पैदा कर दी हैं।
कुल अपराधों में 38.8% की गिरावट
रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर में 2023 में कुल 11,801 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जो 2022 के मुकाबले 38.8% कम हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पुलिस की सक्रियता, निगरानी प्रणालियों में सुधार और नागरिकों की जागरूकता जैसे कारक इस गिरावट के प्रमुख कारण रहे हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी
महिलाओं से संबंधित अपराधों में तेज़ी से वृद्धि देखने को मिली है। 2023 में महिला अपराधों के 1,556 मामले सामने आए, जो 2021 की तुलना में 34.6% अधिक हैं। इनमें से अधिकांश मामले घरेलू हिंसा और साइबर अपराध से जुड़े रहे। हालांकि, आरोपपत्र दाखिल करने की दर 74.9% रही, जो कई मेट्रो शहरों से बेहतर है, लेकिन कुछ अन्य प्रमुख शहरों से पीछे है।
बच्चों के खिलाफ अपराधों में उछाल
बच्चों से जुड़े अपराधों में भी चिंता बढ़ी है। 2023 में 674 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से कई मामले POCSO एक्ट के तहत गंभीर अपराधों से संबंधित थे। यह बढ़ोतरी बच्चों की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की चुनौती को उजागर करती है।
जुवेनाइल अपराध स्थिर
नाबालिग अपराधों में इस बार स्थिरता देखी गई है। 2023 में 251 किशोरों को IPC अपराधों में पकड़ा गया, जो पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों के समान है। यह जुवेनाइल न्याय प्रणाली की प्रभावशीलता को दर्शाता है, लेकिन इस क्षेत्र में और सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।
साइबर अपराध में गिरावट
साइबर अपराधों में 2023 में केवल तीन मामले दर्ज हुए, जो देश के अन्य मेट्रो शहरों के मुकाबले काफी कम हैं। विशेषज्ञ इसे तकनीकी सुरक्षा उपायों और नागरिकों की बढ़ती साइबर जागरूकता का परिणाम मानते हैं।
हालांकि नागपुर में कुल अपराधों में गिरावट आई है, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मामलों ने समाज में सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे मामलों में और सख्त कार्रवाई और जनजागरूकता की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
