गिला अकाल मुद्दे पर वडेट्टीवार का मुख्यमंत्री पर निशाना: विपक्ष में करते थे मांग, सत्ता में आकर भूल गए अवधारणा

वडेट्टीवार का फडणवीस पर हमला: “विपक्ष में गीला अकाल घोषित करने की मांग, सत्ता में आते ही पलटी मार”
नागपुर: राज्य में भारी बारिश और फसलों को हुए नुकसान को लेकर कांग्रेस नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर तीखा प्रहार किया है। वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि विपक्ष में रहते हुए गीला अकाल घोषित करने की मांग करने वाले फडणवीस अब सत्ता में आने के बाद उसी मुद्दे को नकार रहे हैं।
वडेट्टीवार ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट साझा करते हुए 2020 का वह पत्र सार्वजनिक किया, जिसमें उस समय विपक्ष के नेता रहे देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य में गीला अकाल घोषित करने की मांग की थी। वडेट्टीवार ने सवाल उठाया कि जब उस समय गीला अकाल एक “अवधारणा” थी, तो अब मुख्यमंत्री बनने के बाद फडणवीस इसे क्यों नकार रहे हैं?
“स्थिति अब ज़्यादा गंभीर, फिर भी इनकार”
कांग्रेस नेता ने कहा, “2020 की तुलना में आज हालात कहीं ज़्यादा भयावह हैं। किसान बर्बाद हो चुके हैं। तब फडणवीस ने खुद पत्र लिखकर गीला अकाल घोषित करने की मांग की थी। लेकिन आज वही व्यक्ति कहते हैं कि ‘गीला अकाल’ जैसी कोई अवधारणा ही नहीं है। अगर तब यह संभव था, तो अब क्यों नहीं?”
“शब्दों का खेल नहीं, राहत चाहिए”
वडेट्टीवार ने फडणवीस पर शब्दों से खेलने और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “किसानों के जख्मों पर नमक न छिड़कें। यह वक्त नियमों से बंधने का नहीं, बल्कि इंसानियत दिखाने का है।” साथ ही उन्होंने सरकार से अपील की कि वह नियमों को लांघकर किसानों को तुरंत और पर्याप्त सहायता दे।
मुख्यमंत्री का बयान: “गीला अकाल जैसी कोई अवधारणा नहीं”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने हाल ही में बयान दिया था कि “गीला अकाल” जैसा कोई शब्द सरकारी नियमों में नहीं है, इसलिए इसे घोषित नहीं किया जा सकता। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अकाल के दौरान लागू होने वाले सभी राहत नियमों को इस परिस्थिति में लागू कर रही है।
राजनीतिक घमासान तेज
वडेट्टीवार की इस प्रतिक्रिया के बाद राज्य में राजनीतिक तापमान और बढ़ गया है। कांग्रेस जहां सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगा रही है, वहीं सरकार का कहना है कि वह हरसंभव मदद कर रही है, बस शब्दों की बाज़ीगरी में नहीं पड़ना चाहती।
राज्य के कई हिस्सों में हुई अतिवृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है, और किसान लंबे समय से राहत की मांग कर रहे हैं। ऐसे में ‘गीला अकाल’ शब्द भले ही तकनीकी रूप से विवादास्पद हो, लेकिन इसकी मांग ने सरकार की जवाबदेही और संवेदनशीलता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
