डिप्टी सिग्नल परिसर में जलभराव बना जानलेवा, गड्ढे में डूबने से 19 वर्षीय युवक की मौत

नागपुर में बारिश बनी मौत का सबब: जलभराव के बीच गड्ढे में गिरने से 19 वर्षीय युवक की दर्दनाक मौत
नागपुर, 17 सितंबर: उपराजधानी नागपुर में मंगलवार शाम हुई तेज बारिश ने जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं एक मासूम जिंदगी भी लील ली। डिप्टी सिग्नल फ्लाईओवर के नीचे हुए हादसे में 19 वर्षीय युवक महेंद्र फाटिंग की उस समय मौत हो गई जब वह बारिश के बीच बाइक से घर लौटते समय सड़क पर बने गड्ढे में गिर गया। गड्ढा reportedly निर्माण कार्य के चलते खोदा गया था और बारिश के पानी से पूरी तरह डूबा हुआ था, जिससे वह नजर नहीं आया।
पानी से ढंके गड्ढे में समा गई जान
महेंद्र, जो कि पूर्व नगरसेविका सरिता कावरे का भांजा था, मंगलवार देर शाम काम से लौट रहा था। जैसे ही वह डिप्टी सिग्नल परिसर के नीचे पहुंचा, बारिश के पानी से भरे गड्ढे में बाइक सहित जा गिरा। गड्ढे की गहराई और पानी के दबाव के चलते वह बाहर नहीं निकल सका और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
मौके पर मची अफरा-तफरी
घटना की सूचना मिलते ही मनपा और आपदा प्रबंधन की टीम घटनास्थल पर पहुंची और शव की तलाश शुरू की। कुछ ही देर में मृतक का शव बाहर निकाला गया। घटना की खबर आग की तरह फैल गई और स्थानीय नागरिकों में आक्रोश उमड़ पड़ा। लोगों ने मनपा पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की।
प्रशासन पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा मनपा और ठेकेदार की लापरवाही का सीधा परिणाम है। खुले गड्ढे को बारिश से पहले ढंका नहीं गया, न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया था। अगर समय रहते सुरक्षा उपाय किए गए होते, तो इस युवक की जान बचाई जा सकती थी।
यह हादसा एक बार फिर से शहरी निर्माण कार्यों की अव्यवस्था और सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करता है। नागरिकों ने मांग की है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त उपाय किए जाएं।
बारिश सिर्फ मौसम नहीं, लापरवाही के साथ जानलेवा साबित हो सकती है — डिप्टी सिग्नल हादसा इसका ताजा उदाहरण है।
