अमरावती: शिंदे गुट में अंदरूनी कलह? बैनर से प्रीति बंड की तस्वीर गायब, सियासी हलकों में तेज़ हुई चर्चा

अमरावती में शिंदे गुट के भीतर टकराव के संकेत, बर्थडे बैनर से प्रीति बंड की गैरमौजूदगी बनी सियासी चर्चा का केंद्र
अमरावती, 16 सितंबर: शिवसेना (शिंदे गुट) में एक बार फिर आंतरिक मतभेद और गुटबाज़ी की खबरें सुर्खियों में हैं। ताज़ा मामला अमरावती से सामने आया है, जहां पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धाने पाटिल के जन्मदिन पर लगाए गए शिंदे गुट के बधाई बैनरों से पार्टी की उपनेता प्रीति बंड की तस्वीर गायब पाई गई।
इस दृश्य ने स्थानीय राजनीति में हलचल मचा दी है और पार्टी के भीतर असंतोष और अंदरूनी खींचतान की ओर इशारा कर रहा है।
गौरतलब है कि प्रीति बंड ने हाल ही में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में शिवसेना में प्रवेश किया था और उन्हें पार्टी में उपनेता जैसा अहम पद भी सौंपा गया। ऐसे में उनके नजदीकी सहयोगी माने जाने वाले धाने पाटिल के पोस्टरों से उनका नाम और चेहरा पूरी तरह नदारद होना, कई सवाल खड़े कर रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कोई साधारण चूक नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति हो सकती है, जो संभावित सत्ता संघर्ष या प्रभाव क्षेत्र की खींचतान को दर्शाती है।
वहीं दूसरी ओर, प्रीति बंड के समर्थकों में नाराज़गी का माहौल है। उनका कहना है कि यह पार्टी में एक वरिष्ठ नेता का अपमान है और इसकी पार्टी नेतृत्व को गंभीरता से जांच करनी चाहिए।
हालांकि अभी तक न तो प्रीति बंड और न ही ज्ञानेश्वर धाने पाटिल ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी की है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि यह शिंदे गुट के भीतर बढ़ती दरार का संकेत हो सकता है।
इस घटनाक्रम से न केवल अमरावती की राजनीति गर्माई है, बल्कि यह भी साफ हो गया है कि शिंदे गुट में सब कुछ उतना मधुर और संगठित नहीं है, जितना सतह पर दिखता है।
