मनपा आयुक्त को सौंपी गई दिव्यांग सर्वेक्षण रिपोर्ट: 15 हजार दिव्यांगों के पास नहीं है UDID कार्ड
नागपुर: मनपा सर्वेक्षण में खुलासा — 15 हजार दिव्यांगों के पास नहीं आधार, 70 हजार से अधिक के पास नहीं UDID कार्ड; आयुक्त ने दिए तत्काल कार्रवाई के निर्देश
नागपुर, 12 सितंबर — नागपुर महानगर पालिका द्वारा कराए गए एक विशेष दिव्यांगता सर्वेक्षण में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि शहर में बड़ी संख्या में दिव्यांगजन जरूरी पहचान दस्तावेजों से वंचित हैं। मनपा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार की गई इस सर्वेक्षण रिपोर्ट को गुरुवार को आयुक्त डॉ. अभिजीत चौधरी को सौंपा गया।
रिपोर्ट के अनुसार, नागपुर शहर के 5.2 लाख घरों में किए गए सर्वेक्षण में कुल 92,000 दिव्यांगजन चिन्हित किए गए। इनमें से 14,916 के पास आधार कार्ड नहीं है, जबकि 70,884 संभावित दिव्यांगों के पास UDID (Unique Disability ID) कार्ड नहीं है, जो कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए अनिवार्य होता है।
मनपा आयुक्त डॉ. चौधरी ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई करने और UDID कार्ड वितरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
यह सर्वेक्षण अप्रैल से जून 2025 के बीच शहर के दसों क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। 21 प्रकार की दिव्यांगताओं की पहचान हेतु कार्यकर्ताओं को विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। इस दौरान यह भी सामने आया कि कई दिव्यांगजन मतदाता पहचान पत्र, बैंक खाता और सरकारी योजनाओं से भी वंचित हैं।
मनपा अधिकारियों के अनुसार, UDID कार्ड न होने से दिव्यांगजन न केवल सरकारी सुविधाओं से वंचित रह जाते हैं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक रूप से भी पिछड़ जाते हैं। आने वाले महीनों में विशेष शिविरों और अभियान चलाकर कार्ड बनाने की प्रक्रिया तेज़ करने की योजना बनाई जा रही है।
शहर में दिव्यांगजनों की पहचान और उन्हें योजनाओं से जोड़ने की यह पहल सामाजिक समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।