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विजय वडेट्टीवार के नेतृत्व में विदर्भ में ओबीसी संगठनों की बैठक, नागपुर में बड़े मार्च की तैयारी पर हुई चर्चा

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विदर्भ में ओबीसी संगठनों की अहम बैठक, नागपुर में बड़े आंदोलन की तैयारी पर चर्चा

नागपुर: महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर जारी विवाद के बीच विदर्भ क्षेत्र के ओबीसी संगठनों की एक महत्वपूर्ण बैठक नागपुर में आयोजित की गई। इस बैठक का नेतृत्व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक विजय वडेट्टीवार ने किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा जारी उस सरकारी आदेश (जीआर) पर चर्चा करना था, जो मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे पाटिल के आंदोलन को वापस लेने के लिए लाया गया था।

बैठक में कांग्रेस विधायक अभिजीत वंजारी, शेखर सावरबांधे, रमेश पिसे, ज्ञानेश्वर वाकुडकर और ईश्वर बालबुधे सहित कई प्रमुख नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसके अलावा, ओबीसी वकील महासंघ और विभिन्न ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधियों ने भी बैठक में भाग लिया।

विजय वडेट्टीवार ने बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार द्वारा पहले जारी किए गए जीआर में ‘पात्र’ शब्द था, जिसे अब हटाया गया है। यह बदलाव ओबीसी समुदाय के अधिकारों के साथ अन्याय है और इसी कारण समुदाय में भारी असंतोष है।

वडेट्टीवार ने बताया कि 12 सितंबर को एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा, जो ओबीसी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए न्यायिक लड़ाई और सड़क पर संघर्ष, दोनों मोर्चों पर काम करेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नागपुर में एक बड़े मार्च की योजना बनाई जा रही है, जिसके माध्यम से सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई यह मानता है कि ओबीसी समुदाय को कोई नुकसान नहीं हुआ है, तो यह उनका निजी नजरिया हो सकता है, लेकिन वास्तविकता यह है कि नुकसान हुआ है और समुदाय इसे महसूस कर रहा है।

इस बैठक से यह संकेत मिला है कि आने वाले दिनों में विदर्भ और महाराष्ट्र में ओबीसी समुदाय अपने अधिकारों के लिए और अधिक मुखर होकर सामने आ सकता है।

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