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अमरावती: जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में खुलेआम घूम रहे आवारा कुत्ते, कामकाज के लिए आने वाले नागरिकों में दहशत

अमरावती: जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में खुलेआम घूम रहे आवारा कुत्ते, कामकाज के लिए आने वाले नागरिकों में दहशत

अमरावती में आवारा कुत्तों का आतंक, जिला कलेक्टर कार्यालय समेत सरकारी परिसर असुरक्षित, नागरिकों में दहशत का माहौल

अमरावती, 24 अगस्त — शहर में आवारा कुत्तों की बढ़ती तादाद अब नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन गई है। जिला कलेक्टर कार्यालय से लेकर अन्य सरकारी परिसरों, स्कूलों, एटीएम और रिहायशी इलाकों तक, कुत्तों के झुंड खुलेआम घूमते नजर आ रहे हैं। खासकर जिला कार्यालय परिसर में दिनदहाड़े घूमते कुत्तों ने वहां आने वाले लोगों को डर के साये में जीने पर मजबूर कर दिया है।

परेशान नागरिकों का कहना है कि कुत्ते केवल परिसर में डेरा नहीं डाले हुए हैं, बल्कि जगह-जगह गंदगी और दुर्गंध का माहौल भी बना रहे हैं। शौच के कारण सरकारी दफ्तरों का वातावरण भी बिगड़ चुका है। इसके अलावा, रेबीज के बढ़ते मामलों ने हालात और भी चिंताजनक बना दिए हैं।

नगर निगम का दावा है कि आवारा कुत्तों को पकड़कर नसबंदी के बाद जंगलों में छोड़ा जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि वही कुत्ते दोबारा शहर में लौट आते हैं। हाल के महीनों में कई स्थानों पर कुत्तों के काटने से बच्चे और बुजुर्ग घायल हुए हैं, यहां तक कि कुछ की जान भी चली गई है। इससे नागरिकों में गुस्सा और डर दोनों बढ़ते जा रहे हैं।

एक समय था जब किसी इलाके में एक-दो आवारा कुत्ते दिखाई देते थे, लेकिन अब हर वार्ड में दस से अधिक कुत्तों का झुंड आम बात हो गई है। ये कुत्ते स्कूली बच्चों और राहगीरों का पीछा करते हैं, जिससे हादसे का खतरा हर दिन मंडरा रहा है।

नागरिकों की मांग
नागरिकों का कहना है कि केवल कागज़ी कार्रवाइयों से समस्या का समाधान नहीं होगा। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आवारा कुत्तों पर तुरंत सख्त और प्रभावी कार्रवाई की जाए, जिससे सरकारी परिसर सहित पूरे शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।

यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह समस्या और भयावह रूप ले सकती है। प्रशासन की ओर से इस पर गंभीर ध्यान देना समय की मांग बन चुकी है।

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