Headline
नागपुर के नंदनवन में 12 वर्षीय मासूम से दरिंदगी: एक आरोपी गिरफ्तार, दूसरा फरार
राक्षस पिता की हैवानियत: अंढेरा में दो जुड़वां बच्चियों की हत्या, सड़ी-गली लाशें बरामद
ओबीसी महासंघ अध्यक्ष बबनराव तायवाड़े ने डॉक्टर आत्महत्या मामले पर दुख व्यक्त किया, SIT गठित कर जांच की मांग की
BJP विधायक फुके का ‘कमीशन’ बम: भंडारा नगर परिषद में करोड़ों के घोटाले का दावा
मुख्यमंत्री फडणवीस का ऑपरेशन क्लीनअप: अवैध बांग्लादेशियों की ब्लैकलिस्ट तैयार, फर्जी दस्तावेज़ होंगे रद्द
उपराजधानी नागपुर में बेमौसम बारिश की दस्तक; सुबह से जारी झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर तक येलो अलर्ट जारी किया
नागपुर: भाई दूज मनाने जा रहे पिता-पुत्री की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत, खापरी मार्ग पर हुई दुर्घटना
धंतोली पुलिस की बड़ी कार्रवाई: एमडी पाउडर के साथ तीन आरोपी गिरफ्तार, ₹8.73 लाख का माल जब्त
काछीपुरा में BKC की तर्ज़ पर बनेगा भव्य व्यावसायिक केंद्र; नितिन गडकरी ने 20 अंतरराष्ट्रीय मार्केट और 4 स्पोर्ट्स सेंटर की घोषणा की

प्रफुल्ल पटेल के बयान पर विजय वडेट्टीवार का तंज: पहले से तय था भाजपा के साथ जाना

प्रफुल्ल पटेल के बयान पर विजय वडेट्टीवार का तंज: पहले से तय था भाजपा के साथ जाना

2014 में BJP से हाथ मिलाने का था प्लान, प्रफुल्ल पटेल के खुलासे पर कांग्रेस का पलटवार — वडेट्टीवार बोले, पहले से तय था भाजपा में जाना

नागपुर, 18 अगस्त — राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के हालिया बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। रविवार को गोंदिया में महायुति नेताओं को संबोधित करते हुए पटेल ने दावा किया कि 2014 विधानसभा चुनाव के बाद एनसीपी और भाजपा के बीच साथ आने की सहमति बन चुकी थी, और एनसीपी कांग्रेस को छोड़ने को तैयार थी। इस खुलासे के बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पटेल की मंशा और भूमिका पर सवाल उठाए हैं।

कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “प्रफुल्ल पटेल का भाजपा में जाना पहले से तय था। वे लगातार शरद पवार को इस दिशा में ले जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन जब वे उन्हें नहीं मना सके, तो अजित पवार के साथ भाजपा का रास्ता अपना लिया।”

वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि प्रफुल्ल पटेल का यह दावा नया नहीं है, बल्कि वे लंबे समय से भाजपा से जुड़ने के लिए प्रयासरत थे। उन्होंने यह भी कहा कि “अजित पवार और पटेल के रिश्ते पहले उतने अच्छे नहीं थे, लेकिन सत्ता समीकरण ने दोनों को करीब ला दिया।”

उन्होंने आगे कहा कि, “पटेल का भाजपा से नज़दीक जाना सिर्फ़ एक राजनीतिक मजबूरी नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति थी। उन्होंने शरद पवार से जब समर्थन नहीं मिला तो आखिरकार अजित पवार के साथ मिलकर नया रास्ता चुना।”

प्रफुल्ल पटेल के बयान के अनुसार, 2014 के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद एनसीपी ने भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था और उसी समर्थन के आधार पर हरिभाऊ बागड़े को विधानसभा अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा-एनसीपी साथ आ सकते थे, लेकिन “गाड़ी फिसल गई” और अंततः दोनों दल अलग हो गए।

कांग्रेस का आरोप है कि यह खुलासा एनसीपी के एक वर्ग की राजनीतिक प्रतिबद्धताओं पर सवाल खड़े करता है, और यह साबित करता है कि कुछ नेता पहले से ही भाजपा की ओर झुक चुके थे।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, प्रफुल्ल पटेल का बयान न सिर्फ अतीत की राजनीति को उजागर करता है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नए समीकरणों की ओर भी इशारा करता है। वहीं, कांग्रेस इस बयान को अपने लिए राजनीतिक विश्वासघात का संकेत मान रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top