प्रफुल पटेल का बड़ा बयान: युती के विचार को छोड़ें, अपने उम्मीदवार को मिले मौका
भंडारा में प्रफुल पटेल का दो टूक संदेश: युती जरूरी नहीं, अपने उम्मीदवारों को प्राथमिकता दें
भंडारा, 17 अगस्त: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता और सांसद प्रफुल पटेल ने आगामी स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों को लेकर कार्यकर्ताओं को स्पष्ट दिशा दी है। शनिवार को भंडारा जिले में पार्टी कार्यालय में आयोजित बैठक में उन्होंने कहा कि “साझेदारी (युती) की सोच जरूरी नहीं है, जहां संभव हो वहां करें, लेकिन जहां नहीं हो सके वहां पार्टी को अपने दम पर उतरना चाहिए।”
पटेल ने कहा कि यदि किसी प्रभाग में एनसीपी के मजबूत उम्मीदवार मौजूद हैं, तो गठबंधन के तहत अन्य घटक दलों के उम्मीदवारों की मौजूदगी के बावजूद, अपने उम्मीदवारों को नजरअंदाज करना ठीक नहीं होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाते हुए कहा कि “निर्णय जमीनी हकीकत और संगठन की ताकत के आधार पर लिया जाएगा, न कि केवल युती के दबाव में।”
रणनीति पर फोकस
प्रफुल पटेल ने यह भी कहा कि नगराध्यक्ष जैसे प्रमुख पदों पर गठबंधन के अन्य घटकों का समर्थन आवश्यक हो सकता है, लेकिन यह समर्थन पूरी रणनीति और चुनावी गणना के आधार पर तय किया जाएगा। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पार्टी जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेगी।
सामाजिक संतुलन का ध्यान
उम्मीदवार चयन में सामाजिक और भौगोलिक संतुलन की बात करते हुए पटेल ने कहा कि महिला, ओबीसी, जनरल, एससी-एसटी आरक्षित वर्गों के मतदाताओं की स्थिति का गंभीरता से विश्लेषण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय परिस्थितियों को समझे बिना कोई रणनीति कारगर नहीं होगी।
कार्यकर्ताओं से अपील
सांसद ने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे प्रत्येक प्रभाग और नगराध्यक्ष पद के लिए पूरी तैयारी और संकल्प के साथ मैदान में उतरें। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पार्टी हर निर्णय सोच-समझकर लेगी और स्थानीय नेताओं की भूमिका को प्राथमिकता दी जाएगी।
प्रफुल पटेल का यह रुख संकेत देता है कि एनसीपी अब युती के नाम पर समझौता करने को तैयार नहीं, बल्कि जमीनी हकीकत के आधार पर अपना वजूद और प्रभाव मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।