नागपुर: आवारा कुत्तों की समस्या पर नियंत्रण को लेकर समन्वय बैठक, विभिन्न मुद्दों पर हुई सकारात्मक चर्चा
नागपुर में आवारा कुत्तों की समस्या पर नियंत्रण के लिए प्रशासन हुआ सक्रिय, समन्वय बैठक में उठे ठोस सुझाव
नागपुर: शहर में लगातार गंभीर होती जा रही आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर अब प्रशासन हरकत में आ गया है। शनिवार को पुलिस आयुक्त रविंद्रकुमार सिंगल की अध्यक्षता में एक अहम समन्वय बैठक का आयोजन पुलिस मुख्यालय में किया गया, जिसमें सभी संबंधित विभागों और नागरिक संगठनों ने भाग लिया।
यह बैठक मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ द्वारा दायर जनहित याचिका के बाद न्यायालय के निर्देश पर आयोजित की गई थी। न्यायालय ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि नगर प्रशासन आवारा कुत्तों के मुद्दे पर पूर्व निर्देशों का पालन करने में असफल रहा है, जिससे न केवल जनसुरक्षा को खतरा है, बल्कि पशु कल्याण के नियमों का भी उल्लंघन हो रहा है।
बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?
बैठक में नागपुर पुलिस, नगरीय प्रशासन, जिलाधिकारी कार्यालय, नगर निगम, और पशुसंवर्धन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसके अलावा शहर की पशु कल्याण संस्थाएं, एनिमल रेस्क्यू वॉलंटियर्स, सामाजिक कार्यकर्ता, और कुत्ता प्रेमियों ने भी भाग लिया। सभी ने इस समस्या को लेकर अपने व्यावहारिक सुझाव और अनुभव साझा किए।
समस्याएं और समाधान दोनों पर चर्चा
बैठक में पशु प्रेमियों और सामाजिक संगठनों ने कोर्ट के दिशानिर्देशों को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई, लेकिन यह भी बताया कि फील्ड में काम करते समय उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण, रोकथाम के उपाय, और शहर में जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही, पुलिस से सहयोग की भी माँग की गई ताकि किसी भी प्रकार के विरोध या आपसी टकराव की स्थिति में उचित कार्रवाई हो सके।
आगे की रणनीति
इस समन्वय बैठक का उद्देश्य सिर्फ वर्तमान स्थिति की समीक्षा करना नहीं था, बल्कि एक स्थायी और मानवीय समाधान की दिशा में संयुक्त प्रयासों की रूपरेखा तय करना था। पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया कि सभी विभाग समन्वय से काम करेंगे और नागरिकों की सुरक्षा तथा पशु अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखेंगे।
नागपुर में आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर आम जनता की चिंता को प्रशासन ने अब गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। समन्वय बैठक से यह उम्मीद जगी है कि भविष्य में इस मुद्दे पर व्यवस्थित, संवेदनशील और प्रभावी समाधान देखने को मिल सकता है।