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“भाजपा को छोड़ो, हमारे साथ आओ” – भतीजे रोहित पवार का चाचा अजित पवार को खुला ऑफर

“भाजपा को छोड़ो, हमारे साथ आओ” – भतीजे रोहित पवार का चाचा अजित पवार को खुला ऑफर

रोहित पवार का अजित पवार को ऑफर: “भाजपा छोड़ें, तो राष्ट्रवादी फिर एक हो सकती है”

भंडारा: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के युवा नेता और विधायक रोहित पवार ने बुधवार को अपने चाचा और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को खुला ऑफर देते हुए कहा कि अगर वे भाजपा का साथ छोड़ते हैं, तो एनसीपी के दोनों गुटों का विलय संभव हो सकता है।

भंडारा जिले में ‘अधिकार यात्रा’ के दौरान कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए रोहित पवार ने कहा, “हमारी लड़ाई भाजपा की विचारधारा से है। अगर अजित पवार भाजपा से नाता तोड़ते हैं और शरद पवार के प्रगतिशील विचारों के साथ आते हैं, तो हम एकजुटता पर विचार कर सकते हैं। लेकिन जब तक वे भाजपा के साथ हैं, तब तक साथ आना मुश्किल है।”

रोहित पवार के इस बयान ने एक बार फिर यह अटकलें तेज कर दी हैं कि एनसीपी के दोनों गुटों के बीच भविष्य में कोई राजनीतिक समीकरण बन सकता है। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई निर्णय सभी पदाधिकारियों को विश्वास में लेकर ही लिया जाएगा।

वोटों की चोरी का आरोप

अपने भाषण में रोहित पवार ने चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाते हुए दावा किया कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़े पैमाने पर “वोटों की चोरी” हुई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इसके सबूत सामने रखे हैं और उनके पास भी पुख्ता प्रमाण हैं, जिन्हें धीरे-धीरे जनता के सामने लाया जाएगा। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की चोरी” करार दिया और कहा कि जब तक चुनाव निष्पक्ष नहीं होंगे, तब तक आम जनता को न्याय नहीं मिलेगा।

सत्ता का डर और ईडी की कार्रवाई

ईडी की कार्रवाई का जिक्र करते हुए रोहित पवार ने कहा कि उनके खिलाफ भी जांच हुई, लेकिन उन्होंने झुकने के बजाय लड़ाई का रास्ता चुना। “कुछ लोग दबाव में आकर सत्ता पक्ष में चले गए, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल आज भी बुलंद है,” उन्होंने कहा।

किसानों के मुद्दों को लेकर जोरदार मार्च

भंडारा में आयोजित अधिकार मार्च में हजारों की संख्या में किसान, महिलाएं और युवा शामिल हुए। बारिश और खराब मौसम के बावजूद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। इस मार्च में कर्जमाफी, फसल नुकसान का मुआवजा, कृषि उत्पादों को समर्थन मूल्य और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज बुलंद की गई।

मार्च में प्रमुख नेता शशिकांत शिंदे, पूर्व विधायक सुनील भुसारा और अन्य जिलास्तरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। रोहित पवार ने इस अवसर पर सभी कार्यकर्ताओं और किसानों का आभार जताया, जिन्होंने मौसम की परवाह किए बिना आंदोलन को समर्थन दिया।

इस कार्यक्रम और रोहित पवार के बयानों ने महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी है। आने वाले दिनों में एनसीपी के दोनों गुटों के बीच कोई नई राजनीतिक दिशा तय होगी या नहीं, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।

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