पारशिवनी: गुंढरी की तीन साल पुरानी समस्या का दो दिन में समाधान, मीडिया दबाव पर हरकत में आया प्रशासन

मीडिया की ताकत का असर: पारशिवनी के सोनेघाट में तीन साल पुरानी समस्या का दो दिन में समाधान
नागपुर, 11 अगस्त — पारशिवनी तहसील के अंतर्गत गट ग्राम पंचायत गुंढरी के सोनेघाट गांव में वर्षों से जारी अव्यवस्था आखिरकार प्रशासन के संज्ञान में तब आई, जब मीडिया ने मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। तीन साल से लगातार उपेक्षा झेल रहे ग्रामीणों की आवाज़ तब सुनी गई, जब मीडिया की रिपोर्टिंग के बाद पंचायत समिति और ग्राम पंचायत हरकत में आई।
गांव के विभिन्न हिस्सों में मवेशियों की खुलेआम आवाजाही और जगह-जगह जमा गोबर के कारण स्थानीय लोगों, खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। दुर्गंध और अस्वच्छ वातावरण के कारण गांव में रहना दूभर हो गया था।
स्थानीय नागरिक पंकज आमले इस समस्या को लेकर बीते तीन वर्षों से पंचायत कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे, लेकिन किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। शिकायतें फाइलों में दबी रहीं और गांव की हालत बद से बदतर होती गई।
हालांकि, जब मीडिया ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया, तो पंचायत समिति पारशिवनी और ग्राम पंचायत गुंढरी ने तुरंत संयुक्त कार्रवाई करते हुए गांव के कुछ किसानों को नोटिस थमा दिए। इन नोटिसों में कहा गया है कि वे मवेशियों का ठीहा और गोबर सात दिनों के भीतर हटा लें, अन्यथा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
गांववासियों ने राहत की सांस ली है और अब उम्मीद जताई जा रही है कि प्रशासन आगे भी इसी तत्परता से स्थानीय समस्याओं का समाधान करेगा। यह मामला न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि जनसमस्याओं के समाधान में मीडिया कितनी अहम भूमिका निभा सकता है।
