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स्वच्छ भारत अभियान 2025: मनपा की आपत्ति के बाद नागपुर की रैंकिंग में सुधार, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में पहुंचा 22वें स्थान पर

स्वच्छ भारत अभियान 2025: मनपा की आपत्ति के बाद नागपुर की रैंकिंग में सुधार, 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में पहुंचा 22वें स्थान पर

नागपुर की स्वच्छता रैंकिंग में बड़ा सुधार, मनपा की आपत्ति के बाद 22वें स्थान पर पहुंचा शहर

नागपुर, 7 अगस्त:
स्वच्छ भारत अभियान 2025 के अंतर्गत जारी स्वच्छता सर्वेक्षण में नागपुर शहर को नई रैंकिंग में बड़ी राहत मिली है। पहले जारी की गई सूची में नागपुर को 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में 27वां स्थान मिला था, लेकिन नागपुर महानगरपालिका (मनपा) द्वारा दर्ज आपत्ति के बाद यह रैंकिंग संशोधित हुई है और अब शहर को 22A स्थान प्राप्त हुआ है।

मनपा की आपत्ति बनी बदलाव की वजह

मनपा ने केंद्र सरकार को भेजी गई आपत्ति में कहा था कि स्वच्छता रैंकिंग तैयार करते समय कई महत्वपूर्ण मानकों को नजरअंदाज किया गया है। इसमें तकनीकी नवाचार, नागरिक सहभागिता और क्षेत्रीय स्तर पर किए गए सफाई कार्य जैसे मुद्दों को शामिल नहीं किया गया था। आपत्ति की जांच के बाद मंत्रालय ने रिव्यू कर रैंकिंग में सुधार किया।

आंकड़ों में बदलाव के बाद मिली बढ़त

रिवाइज्ड रिपोर्ट के अनुसार, घर-घर कचरा संग्रहण के लिए पहले जहां 30 प्रतिशत अंक मिले थे, वहीं अब यह बढ़कर 90 प्रतिशत हो गए हैं। इसी तरह कचरा पृथक्करण (segregation) में भी पहले मात्र 1 प्रतिशत अंक थे, जो अब 60 प्रतिशत कर दिए गए हैं। नागपुर को जीएफसी स्टार रेटिंग में 1 स्टार और ओडीएफ वाटर प्लस प्रमाणपत्र भी प्राप्त हुआ है।

राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन

संशोधित परिणामों में नागपुर को देश के 10 लाख से अधिक आबादी वाले 40 शहरों में 22A रैंक मिली है, जबकि महाराष्ट्र के 414 शहरी निकायों में यह 25A रैंक पर पहुंच गया है। यह बदलाव शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार और प्रशासनिक प्रयासों का नतीजा माना जा रहा है।

मनपा की सक्रियता लाई रंग

मनपा आयुक्त और प्रशासक डॉ. अभिजीत चौधरी ने जानकारी दी कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में दिए गए अंकों में त्रुटियों को लेकर केंद्रीय मंत्रालय को अवगत कराया गया था। मंत्रालय ने इसे संज्ञान में लेते हुए पुनर्मूल्यांकन किया और उसके आधार पर रैंकिंग में सुधार हुआ।

स्वच्छता अभियानों की प्रमुख भूमिका

नागपुर शहर में बीते महीनों में ‘स्वच्छता ही सेवा’, ‘बैकलेन स्वच्छता मुहिम’, कंप्रेस्ड बायो गैस और बायोमाइनिंग जैसे प्रोजेक्ट्स को सक्रिय रूप से लागू किया गया है। इन पहलों से न सिर्फ सफाई व्यवस्था मजबूत हुई है, बल्कि नागरिकों की भागीदारी भी बढ़ी है।

निष्कर्ष:
स्वच्छ भारत अभियान 2025 की संशोधित रैंकिंग में नागपुर की स्थिति में सुधार होना शहर के लिए सकारात्मक संकेत है। यह दर्शाता है कि जब स्थानीय प्रशासन सजग होता है और पारदर्शिता से कार्य करता है, तो उसका असर राष्ट्रीय स्तर पर भी दिखाई देता है।

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