आजादी के 78 साल बाद खत्म हुआ इंतजार, मंगी गांव पहुंची ‘लाल परी’
78 साल बाद मंगी गांव में पहुँची लाल परी, ग्रामीणों में खुशी की लहर
यवतमाल, रालेगांव तहसील:
स्वतंत्रता के 78 वर्षों बाद मंगी गांव के ग्रामीणों का लंबे समय से चला आ रहा इंतजार आखिरकार खत्म हो गया है। पहली बार राज्य परिवहन की एसटी बस — जिसे आम भाषा में ‘लाल परी’ कहा जाता है — मंगी गांव तक पहुँची, जिससे पूरे गांव में खुशी और उत्साह का माहौल बन गया।
अब तक मंगी गांव तक कोई सार्वजनिक बस सेवा उपलब्ध नहीं थी, जिससे ग्रामीणों को तहसील या अन्य कस्बों तक पहुँचने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था। हालांकि हाल ही में सड़क निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भी बस सेवा शुरू नहीं हो सकी थी, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
इस मुद्दे को लेकर ग्रामीणों और छात्रों ने मंत्री एवं विधायक डॉ. अशोक उइके से बस सेवा शुरू करने की मांग की थी। जनभावनाओं को समझते हुए डॉ. उइके ने रालेगांव एसटी डिपो प्रमुख को तत्काल निर्देश दिए, जिसके बाद रालेगांव से वडकी होते हुए मंगी तक बस सेवा शुरू कर दी गई।
बस सेवा की शुरुआत के पहले दिन भाजपा कार्यकर्ताओं और गांववासियों ने पारंपरिक तरीके से बस का स्वागत किया। सुबह 10.30 बजे बस की पूजा की गई, और ड्राइवर तथा कंडक्टर का शॉल और श्रीफल से सम्मान कर आभार व्यक्त किया गया।
अब मंगी गांव से सुबह और शाम दो समय बस सेवा उपलब्ध है, जिससे खासकर छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के लिए बाहर जाने में काफी सुविधा हो रही है। साथ ही, ग्रामीणों का तहसील और शहरों से संपर्क भी अब पहले की तुलना में अधिक सुगम हो गया है।
ग्रामीणों ने इस पहल के लिए शासन और जनप्रतिनिधियों का आभार जताते हुए कहा कि यह बस सेवा उनके लिए एक नए युग की शुरुआत है।