“हम सब जानते हैं…”: ट्रंप के ‘डेड इकोनॉमी’ बयान पर राहुल गांधी को शशि थरूर ने दिखाया आईना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत को लेकर दिए गए ‘डेड इकोनॉमी’ वाले बयान को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने कहा कि ट्रंप का यह दावा तथ्यहीन है और “हम सभी जानते हैं कि यह सच नहीं है।”
थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रंप की टिप्पणी अमेरिका की व्यापारिक सौदेबाजी का हिस्सा है और ऐसे बयान अक्सर राजनीतिक रणनीति के तहत दिए जाते हैं। इससे पहले कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला भी ट्रंप के इस बयान पर आपत्ति जता चुके हैं।
थरूर ने जोर देकर कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था जीवंत है और वैश्विक मंच पर उसका प्रभाव बढ़ता जा रहा है। ट्रंप की टिप्पणी को उन्होंने चुनावी चाल और दबाव बनाने की कोशिश करार दिया।
शशि थरूर ने ट्रंप के ‘डेड इकोनॉमी’ बयान को किया खारिज, बोले – “ऐसा कुछ नहीं है, हम सब जानते हैं”; राहुल गांधी के समर्थन पर उठे सवाल
नई दिल्ली | डिजिटल डेस्क – कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को “डेड” कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्रंप के बयान को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “ऐसा कुछ नहीं है, और हम सब यह जानते हैं।” थरूर ने इसे एक राजनीतिक दबाव की रणनीति करार दिया और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक स्थिति से जोड़े जाने को अनुचित बताया।
गौरतलब है कि ट्रंप के बयान का समर्थन राहुल गांधी ने करते हुए कहा था कि वह खुश हैं कि यह बात अब ट्रंप जैसे नेता भी कह रहे हैं। लेकिन उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर और राजीव शुक्ला ने इस टिप्पणी को खारिज कर दिया है।
थरूर ने कहा – सिर्फ सौदेबाजी की रणनीति
अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 25% टैरिफ को लेकर थरूर ने कहा, “यह कोई स्थायी नीति नहीं है, बल्कि एक सौदेबाजी की रणनीति है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक बातचीत जारी है और इसे तनाव की बजाय व्यापारिक मसले के तौर पर देखा जाना चाहिए।”
पार्टी लाइन से अलग राहुल का स्टैंड
जहां थरूर और राजीव शुक्ला जैसे वरिष्ठ नेता ट्रंप के बयान को गलत ठहरा रहे हैं, वहीं राहुल गांधी ने इसके समर्थन में बयान देकर पार्टी के भीतर विरोधाभास खड़ा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह राहुल गांधी का जोखिम भरा दांव हो सकता है, जो उल्टा पड़ सकता है।
कांग्रेस और सहयोगी दलों में विरोध
कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और ट्रंप का दावा पूरी तरह भ्रामक है। उन्होंने कहा, “अगर किसी को लगता है कि भारतीय इकोनॉमी खत्म हो चुकी है, तो यह उसकी गलतफहमी है। ट्रंप भ्रम में जी रहे हैं।”
शिवसेना (यूबीटी) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी ट्रंप के बयान को नकारते हुए कहा, “भारत दुनिया की टॉप पांच इकोनॉमियों में शामिल है। उसे डेड कहना अज्ञानता या अहंकार का नतीजा है।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका भारत पर पाकिस्तान की तुलना में ज्यादा टैरिफ लगाकर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है।
सरकार के रुख को मिल रहा है समर्थन
हालांकि केंद्र सरकार की ओर से अब तक ट्रंप के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में इस बात को स्वीकार किया जा रहा है कि भारत ने अमेरिकी दबाव के आगे झुकने से इनकार किया है। खासकर किसानों और घरेलू उद्योगों के हितों की रक्षा के लिए भारत सरकार की ट्रेड डील में सख्ती को सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
राहुल गांधी की आलोचना और विरोधाभास
राहुल गांधी द्वारा ट्रंप के ‘डेड इकोनॉमी’ वाले बयान को समर्थन देना अब कांग्रेस के भीतर ही असहमति का विषय बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण को छोड़कर हर कोई जानता है कि भारत की अर्थव्यवस्था मृत है।” जबकि रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मंचों ने बार-बार भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में रेट किया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी का यह बयान आगामी चुनावी रणनीति के लिए गलत संकेत बन सकता है, क्योंकि इससे विपक्ष के बजाय सरकार का रुख ज़्यादा व्यावहारिक और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप दिखाई दे रहा है।