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अमरावती: मेलघाट वाघ प्रकल्प के रास्ते बने जानलेवा, कीचड़ में फंसी बसें, दोनों ओर की आवाजाही घंटों ठप

अमरावती: मेलघाट वाघ प्रकल्प के रास्ते बने जानलेवा, कीचड़ में फंसी बसें, दोनों ओर की आवाजाही घंटों ठप

मेलघाट वाघ प्रकल्प के जर्जर रास्ते बने संकट का कारण, कीचड़ में फंसी बसों से घंटों ठप रही आवाजाही

अमरावती: मेलघाट वाघ प्रकल्प क्षेत्र से होकर गुजरने वाले रास्तों की खस्ता हालत एक बार फिर लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गई। धारणी, अकोट और परतवाड़ा मार्ग पर मंगलवार को दो बसें कीचड़ में फंस गईं, जिससे घंटों तक दोनों ओर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया। इस दौरान यात्रियों को न सिर्फ भारी परेशानी झेलनी पड़ी, बल्कि कई लोगों को कई किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ा।

करीब 40 किलोमीटर लंबा यह मार्ग मेलघाट के लगभग 100 गांवों को मुख्य शहरों से जोड़ता है। हालांकि, सड़क पर जगह-जगह गड्ढे और कीचड़ जमा होने के कारण यह सफर अब खतरे भरा बनता जा रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मार्ग वर्षों से उपेक्षित है, और अब तक इसका डामरीकरण नहीं किया गया है।

बसों के कीचड़ में फंसने की घटना ने प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर दिया है। वाहन चालकों को हर बार जोखिम उठाकर जंगल के रास्ते से गुजरना पड़ता है, जबकि रास्ते की मरम्मत या वैकल्पिक व्यवस्था की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग (PWD) इस गंभीर स्थिति को नजरअंदाज कर रहा है। अगर आने वाले दिनों में बारिश और बढ़ी, तो यह रास्ता पूरी तरह बंद हो सकता है, जिससे मेलघाट के ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट जाएगा।

जनता ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए रास्ते की मरम्मत और स्थायी समाधान की अपील की है, ताकि रोजाना आवाजाही करने वाले हजारों लोगों को राहत मिल सके।

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