Headline
मौसम विभाग का रेड अलर्ट: गोंदिया में भारी बारिश, कृषि कार्यों में आई तेजी
₹2,000 करोड़ से अधिक बकाया: सरकारी प्रोजेक्ट्स के बहिष्कार पर विचार, 30 जुलाई को होगा फैसला
गोंदिया: कृषि विभाग एक्शन मोड में, 38 कृषि केंद्रों के खिलाफ कार्रवाई
नागपुर: कोतवाली में मामूली विवाद ने लिया बड़ा रूप, युवक ने लगाई दोस्त की दुकान में आग
भंडारा में रेड अलर्ट जारी: स्कूल-कॉलेज बंद, गोसेखुर्द बांध के 21 गेट खोले गए
शालार्थ आईडी घोटाला: गोंदिया जिले में एक और मुख्याध्यापक की गिरफ्तारी
यवतमाल में शरद पवार को झटका, ययाति नाईक BJP में शामिल; राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने दिलाई सदस्यता
कर्जमाफी की मांग को लेकर प्रहार का प्रदर्शन बेकाबू, स्वर्ग रथ को लगाई आग; बच्चू कडु समर्थकों पर मामला दर्ज
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे पर होगी सख्त कार्रवाई, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने किया ऐलान

₹2,000 करोड़ से अधिक बकाया: सरकारी प्रोजेक्ट्स के बहिष्कार पर विचार, 30 जुलाई को होगा फैसला

₹2,000 करोड़ से अधिक बकाया: सरकारी प्रोजेक्ट्स के बहिष्कार पर विचार, 30 जुलाई को होगा फैसला

ठेकेदारों का सब्र टूटा: करोड़ों की बकाया राशि पर चेतावनी, 30 जुलाई को होगा सरकारी कामकाज के बहिष्कार पर फैसला

चंद्रपुर, 25 जुलाई — महाराष्ट्र में सरकारी ठेकों पर काम कर रहे ठेकेदारों की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है। राज्य सरकार पर 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये तक की बकाया राशि को लेकर ठेकेदारों में गहरा आक्रोश है। इन्हीं मुद्दों पर विचार करने के लिए चंद्रपुर जिले के ठेकेदार संगठन ने गुरुवार को एक अहम बैठक बुलाई, जिसमें देरी से भुगतान और सरकार की उदासीनता पर गंभीर चर्चा हुई।

बैठक में शामिल ठेकेदारों ने बताया कि वे पिछले एक वर्ष से सड़क निर्माण, पुल, सरकारी भवन और अन्य सिविल प्रोजेक्ट्स पर कार्य कर रहे हैं, लेकिन इसके एवज में सरकार की ओर से किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं मिला है। इस वजह से कई ठेकेदारों पर भारी कर्ज चढ़ गया है और उनके प्रोजेक्ट अधर में लटक गए हैं।

सूत्रों के अनुसार, विभिन्न विभागों द्वारा किए गए कार्यों का हजारों करोड़ रुपये का भुगतान अब तक लंबित है। ठेकेदारों का कहना है कि बार-बार निवेदन और आग्रह के बावजूद सरकार टालमटोल कर रही है, जिससे उनका धैर्य जवाब दे रहा है।

इस बैठक में यह भी प्रस्ताव रखा गया कि यदि जल्द ही बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया, तो ठेकेदार 30 जुलाई को निर्णय लेकर संपूर्ण शासकीय कार्यों और निविदा प्रक्रियाओं का बहिष्कार कर सकते हैं। ऐसा हुआ तो राज्यभर की कई विकास परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।

ठेकेदारों ने सरकार को चेताया है कि अगर भुगतान में और देर हुई, तो वे मजबूरन काम रोकने जैसे कड़े कदम उठाएंगे। अब सबकी निगाहें 30 जुलाई की बैठक पर टिकी हैं, जहां इस आंदोलन की दिशा तय होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top