नागपुर: हॉस्टल में छात्रा से छेड़छाड़, वडेट्टीवार का फडणवीस पर हमला – कहा, “मुख्यमंत्री के शहर में लड़कियां सुरक्षित नहीं”
नागपुर गर्ल्स हॉस्टल में छात्रा से छेड़छाड़, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल, वडेट्टीवार ने सरकार को घेरा
नागपुर, 23 जुलाई 2025:
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गृह जिले नागपुर में एक गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर छात्रा से छेड़छाड़ की सनसनीखेज घटना सामने आई है। घटना के बाद से शहर में महिला सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है। विपक्ष ने राज्य सरकार, खासकर गृह मंत्री फडणवीस को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता विजय वडेट्टीवार ने तीखा हमला बोलते हुए पूछा, “क्या नागपुर में अब कानून और पुलिस का कोई डर नहीं बचा है?”
घटना की जानकारी
22 जुलाई की तड़के करीब 3 बजे दो युवक नागपुर के एक ओबीसी गर्ल्स हॉस्टल में जबरन घुस आए। हॉस्टल के मेन गेट का ताला तोड़ने के बाद वे सीधे एक छात्रा के कमरे में पहुंचे और उसके साथ अश्लील हरकतें कीं। छात्रा के विरोध करने और चिल्लाने पर आरोपी उसका मोबाइल छीनकर मौके से फरार हो गए।
घटना की शिकायत मिलने पर एमआईडीसी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया गया है, लेकिन घटना के दो दिन बाद भी आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
हॉस्टल की सुरक्षा पर सवाल
जिस हॉस्टल में यह घटना हुई, वहाँ 64 छात्राएं रहती हैं। छात्राओं ने बताया कि सुरक्षा के नाम पर हॉस्टल में न तो गार्ड है और न ही पर्याप्त सीसीटीवी कैमरे। छात्रावास के पास स्थित शराब की दुकान भी लड़कियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुकी है।
वडेट्टीवार का तीखा हमला
विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार को घेरते हुए कहा, “जब मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के शहर में ही छात्राएं असुरक्षित हैं, तो राज्य के बाकी हिस्सों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।” उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है।
वडेट्टीवार ने सरकार से मांग की है कि:
- आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए,
- छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं,
- महिला हॉस्टलों की सुरक्षा के लिए स्थायी गार्ड की व्यवस्था की जाए,
- और राज्यभर के सभी महिला छात्रावासों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जाए।
छात्राओं में डर का माहौल
घटना के बाद हॉस्टल में रहने वाली छात्राएं डरी हुई हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। कई छात्राओं और उनके अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि सुरक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए।
इस घटना ने एक बार फिर राज्य में महिला सुरक्षा की पोल खोल दी है और प्रशासन को इस पर गंभीरता से कदम उठाने की जरूरत है।