लाड़ले बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत: अगले 5 साल में 26% सस्ती होगी बिजली – मुख्यमंत्री फडणवीस
बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत: महाराष्ट्र में अगले 5 साल में 26% तक सस्ती होगी बिजली, किसानों को भी मिलेगा लाभ
मुंबई: महाराष्ट्र में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। राज्य में पहली बार घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में व्यापक कटौती की जा रही है। महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग (MERC) ने महावितरण की याचिका पर निर्णय देते हुए पांच साल में 26 प्रतिशत तक दरें कम करने का आदेश जारी किया है। पहले ही वर्ष में उपभोक्ताओं को 10 प्रतिशत तक राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोशल मीडिया पर इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार बिजली दरों में इतनी बड़ी कटौती की गई है, जिससे लाखों लोगों को फायदा होगा। उन्होंने बताया कि 100 यूनिट से कम बिजली खपत करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं की संख्या करीब 70% है और इन्हें अधिकतम 10% की दर से राहत मिलेगी।
कृषि क्षेत्र को भी मिलेगा बड़ा फायदा
राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के चलते किसानों को दिन के समय बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। यह योजना दिसंबर 2026 तक पूरी होगी, जिसके तहत सोलर ऊर्जा के माध्यम से 16,000 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इससे औसतन ₹3 प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल सकेगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री बलिराजा मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 7.5 एचपी तक के पंप वाले 45 लाख किसानों को मुफ्त बिजली दी जा रही है।
हरित ऊर्जा पर जोर, भारी बचत संभव
महावितरण ने अब तक 45,000 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए समझौते किए हैं, जिनमें से 31,000 मेगावाट बिजली नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होगी। कंपनी का अनुमान है कि हरित ऊर्जा के उपयोग से अगले पांच वर्षों में लगभग ₹66,000 करोड़ की बचत होगी। इस आर्थिक लाभ के कारण ही महावितरण बिजली दरों में कमी का प्रस्ताव देने में सक्षम हुआ है।
स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए अतिरिक्त लाभ
महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक लोकेश चंद्र ने बताया कि स्मार्ट मीटर वाले घरेलू उपभोक्ताओं को दिन के समय बिजली खपत पर अतिरिक्त 10% की टाइम ऑफ डे (ToD) छूट दी जाएगी। साथ ही, जो उपभोक्ता अपने घरों में सौर ऊर्जा पैदा करते हैं, उन्हें भी अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।
राज्य सरकार का यह निर्णय ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जो उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ-साथ हरित ऊर्जा की ओर मजबूती से कदम बढ़ाने का संकेत देता है।