शालार्थ आईडी घोटाला: जांच समिति की रिपोर्ट अंतिम चरण में, जल्द हो सकता है बड़ा खुलासा
शालार्थ आईडी घोटाले की जांच अंतिम चरण में, कई बड़े नामों के उजागर होने की संभावना
नागपुर – राज्य की शिक्षा व्यवस्था को हिला देने वाले शालार्थ आईडी घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच समिति की रिपोर्ट अंतिम चरण में है, और जल्द ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस बहुचर्चित घोटाले के पीछे कौन-कौन से चेहरे छिपे हैं। सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं।
पिछले दो महीनों से यह राज्य स्तरीय जांच समिति इस मामले की गहराई से पड़ताल कर रही है। नागपुर शिक्षा विभाग के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा अधिकारी, साथ ही कुछ अन्य कर्मचारी, जांच के सिलसिले में पुणे में तैनात हैं। अब तक जांच के दौरान चार वर्तमान और पूर्व शिक्षा उपसंचालकों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
इसके अतिरिक्त, तीन निजी स्कूल संचालक, एक शिक्षक और करीब सात से आठ सरकारी कर्मचारी भी इस घोटाले में गिरफ्त में आ चुके हैं। हालांकि, कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश तेज़ी से जारी है।
यह घोटाला तब उजागर हुआ जब सामने आया कि शालार्थ प्रणाली के माध्यम से फर्जी आईडी बनाकर शिक्षकों की फर्जी नियुक्तियां की जा रही थीं। इस प्रक्रिया में सरकारी रिकॉर्ड में हेरफेर कर लाखों रुपये का वेतन भी निकाला गया।
घोटाले की गंभीरता को देखते हुए केवल प्रशासनिक जांच ही नहीं, बल्कि सदर पुलिस, साइबर क्राइम यूनिट और विशेष जांच दल (SIT) ने भी स्वतंत्र स्तर पर जांच शुरू की है।
शिक्षा व्यवस्था में भारी अनियमितता का संकेत देने वाले इस मामले में, रिपोर्ट के सार्वजनिक होते ही कई चौंकाने वाले खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। अब पूरे राज्य की निगाहें इस रिपोर्ट और उसके बाद की कार्रवाई पर टिकी हैं।