CM देवेंद्र फडणवीस का निर्देश: राज्य में सिंचाई व जलविद्युत परियोजनाएं समयबद्ध तरीके से पूरी हों
राज्य में सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं पर सीएम फडणवीस ने की समीक्षा बैठक, कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश
मुंबई – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में शुक्रवार को सह्याद्रि अतिथि गृह, मुंबई में जल संसाधन विभाग से जुड़ी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति, पंप भंडारण नीति के अंतर्गत हुए समझौतों (MoUs) और प्रशासनिक मंजूरियों की स्थिति पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के विकास को गति देने के लिए सिंचाई और जलविद्युत परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से जहां एक ओर किसानों को अधिक सिंचाई सुविधा मिलेगी, वहीं दूसरी ओर राज्य ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने अब तक 381 सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिससे लगभग 30.68 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। वहीं, बीते दो वर्षों में 185 कार्यों को प्रशासनिक या संशोधित प्रशासनिक मंजूरी दी गई, जिनसे 26.65 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचाई के दायरे में आएगी। इसके अलावा विशेष मरम्मत के लिए 196 कार्यों को हरी झंडी दी गई है, जिससे 4.02 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाभान्वित होगा।
जलविद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए पंप भंडारण नीति के तहत राज्य सरकार ने 15 सार्वजनिक और निजी कंपनियों के साथ 24 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से 62,125 मेगावाट बिजली का उत्पादन और लगभग 96,190 रोजगार सृजन की संभावना है। कुल निवेश राशि 3.41 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाएं पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा का स्रोत हैं, इसलिए इनके कार्यान्वयन में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में जल संसाधन मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटिल, मंत्री गिरीश महाजन, जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और विभिन्न बेसिन विकास निगमों के कार्यकारी निदेशक सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में सिंचाई परियोजनाओं की प्रगति पर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया।