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रोहित पवार की सरकार को चेतावनी: “बच्चू कडु को कुछ हुआ तो सांसद-विधायकों को सड़कों पर चलने नहीं देंगे”

रोहित पवार की सरकार को चेतावनी: “बच्चू कडु को कुछ हुआ तो सांसद-विधायकों को सड़कों पर चलने नहीं देंगे”

बच्चू कडू की बिगड़ती तबीयत पर रोहित पवार का सरकार को अल्टीमेटम, कहा – किसानों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं, सत्ताधारी नेताओं को सड़कों पर घुमने नहीं देंगे

अमरावती – एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने बच्चू कडू की भूख हड़ताल और बिगड़ती तबीयत को लेकर सरकार को कड़ी चेतावनी दी है। गुरुवार को मोजारी पहुंचकर बच्चू कडू से मुलाकात करने के बाद रोहित पवार ने सत्ताधारी नेताओं के खिलाफ तीखा बयान दिया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि अगर बच्चू कडू को कुछ हुआ तो कोई भी सांसद या विधायक सड़कों पर सुरक्षित नहीं घूम सकेगा।

रोहित पवार ने सरकार पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव से पहले कर्जमाफी का वादा किया गया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद महायुति सरकार ने किसानों को भूल ही गई है। उन्होंने कहा, “पिछले पांच दिनों से बच्चू कडू भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर ध्यान देना भी जरूरी नहीं समझा। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हमें मजबूरी में सड़कों पर उतरकर संघर्ष करना पड़ेगा।”

सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप
रोहित पवार ने आगे कहा, “सरकार के पास मंत्रियों के विदेश दौरों, लैपटॉप वितरण और सड़क निर्माण में खर्च के लिए फंड है, लेकिन किसानों की मदद करने के लिए पैसे नहीं हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार की प्राथमिकता में किसान नहीं हैं।” उन्होंने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार मानकर चल रही है कि महाराष्ट्र के लोगों का आत्मसम्मान खरीदा जा सकता है, लेकिन अब जनता को इस धोखे का जवाब देना होगा।

सोयाबीन और कपास किसानों को भारी नुकसान
विधायक पवार ने कहा कि इस साल सोयाबीन किसानों को 4,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस राहत योजना लागू नहीं की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के पास विपक्षी नेताओं को पार्टी में लाने के लिए “भावांतर योजना” है, लेकिन किसानों के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। वहीं कपास और तुअर की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है और किसानों को न्यूनतम मूल्य भी नहीं मिल रहा।

किसानों की लड़ाई को मिलेगा समर्थन
अंत में रोहित पवार ने कहा कि किसानों की इस लड़ाई को उनका पूरा समर्थन मिलेगा और वे सरकार के सामने झुकने के बजाय संघर्ष का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने समय रहते कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

बच्चू कडू की भूख हड़ताल अब महाराष्ट्र की राजनीति का केंद्र बिंदु बनती जा रही है और विपक्ष ने इसे लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।

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