जमशेदपुर: MGM में खुलेंगे 7 नए विभाग, विशेषज्ञों की नियुक्ति करेगी सात सदस्यीय टीम
झारखंड हेल्थ न्यूज़: एमजीएम मेडिकल कॉलेज में मिलेंगी सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं, सात नए विभाग खुलने की तैयारी
जमशेदपुर: झारखंड के प्रमुख सरकारी संस्थान एमजीएम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में बड़ी पहल की जा रही है। कॉलेज में अब सात नए सुपर स्पेशियलिटी विभाग खोले जाएंगे, जिससे मरीजों को उच्च स्तरीय इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। इसमें कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, यूरोलॉजी जैसे अहम विभाग शामिल हैं।
विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया है। अब नियुक्ति का जिम्मा एक सात सदस्यीय विशेषज्ञ समिति को सौंपा गया है, जो अनुभवी और योग्य डॉक्टरों का चयन करेगी। इस बदलाव से प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और कुशल होने की उम्मीद है।
प्रशासन का पहला लक्ष्य ओपीडी सेवाएं शुरू करना है, जिसके बाद इनडोर सुविधाएं चरणबद्ध तरीके से शुरू की जाएंगी। वहीं, नवंबर 2025 तक कैथ लैब शुरू करने की योजना है, जिससे हृदय संबंधी रोगों के इलाज में बड़ी मदद मिलेगी।
इस विकास से एमजीएम हॉस्पिटल पूर्वी झारखंड और आसपास के क्षेत्रों के मरीजों के लिए एक मजबूत मेडिकल हब के रूप में उभरेगा।
एमजीएम जमशेदपुर बनेगा सुपर स्पेशियलिटी हब, 7 नए विभाग होंगे शुरू, मरीजों को मिलेगा उन्नत इलाज
जमशेदपुर: डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज परिसर में बनाए गए नए अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ी पहल की जा रही है। फिलहाल जहां हार्ट, न्यूरो और कैंसर रोग से संबंधित ओपीडी सेवाएं उपलब्ध हैं, वहीं अब यहां सात और अत्याधुनिक चिकित्सा विभागों की शुरुआत होने जा रही है। इससे शहर सहित पूरे क्षेत्र के मरीजों को अत्याधुनिक इलाज की सुविधा अपने ही शहर में मिलने लगेगी।
शुरू होंगे ये सात नए विभाग
बहुप्रतीक्षित नए विभागों में कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और मेडिकल ऑन्कोलॉजी शामिल हैं। इन विभागों के शुरू होने के बाद एमजीएम में मरीजों को जटिल बीमारियों के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए बनी नई टीम
विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए सात सदस्यीय समिति गठित की गई है जिसमें जिले के उपायुक्त, एमजीएम मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, अधीक्षक, संबंधित विभागों के प्रमुख और वरीय प्राध्यापक शामिल हैं। यह समिति हर महीने के पहले और अंतिम सोमवार को सुपर स्पेशियलिस्ट डॉक्टरों के इंटरव्यू लेगी, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया सुचारु और पारदर्शी तरीके से पूरी की जा सके।
दो चरणों में शुरू होंगी सेवाएं
अधिकारियों के अनुसार, पहले चरण में सभी नए विभागों की ओपीडी सेवाएं शुरू की जाएंगी। इसके बाद दूसरे चरण में इनडोर सेवाएं चालू होंगी, जिसमें मरीजों को भर्ती कर इलाज की सुविधा दी जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत एमजीएम में कैथ लैब का निर्माण भी तेजी से चल रहा है, जिसे नवंबर 2025 तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
विभागवार सुविधाएं कुछ इस प्रकार होंगी:
- कार्डियोलॉजी: हृदय रोगों का निदान और इलाज
- कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी: हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाएं और अन्य जटिल सर्जरी
- यूरोलॉजी: मूत्र व प्रजनन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का समाधान
- न्यूरोलॉजी और न्यूरो सर्जरी: मस्तिष्क, रीढ़ व तंत्रिका संबंधी रोगों का इलाज
- मेडिकल और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी: कैंसर का मेडिकल व सर्जिकल इलाज
- नेफ्रोलॉजी: किडनी रोग और डायलिसिस सुविधा
- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी: पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं का इलाज व सर्जरी
फिलहाल ये विशेषज्ञ दे रहे सेवाएं:
- डॉ. फतेबहादुर सिंह (न्यूरो सर्जरी): मंगलवार, शुक्रवार
- डॉ. रोहित आनंद (न्यूरोलॉजी): मंगलवार, गुरुवार
- डॉ. मनीष कुमार (कार्डियोलॉजी): सोमवार, बुधवार, शुक्रवार
- डॉ. गुंजेश कुमार (मेडिकल ऑन्कोलॉजी): गुरुवार
निष्कर्ष:
एमजीएम अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में तब्दील करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इन नए विभागों की शुरुआत से न केवल शहर के लोगों को बल्कि पूरे कोल्हान क्षेत्र के मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। आने वाले एक-डेढ़ सालों में एमजीएम चिकित्सा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।